Bhasha boli or mein antar//भाषा और बोली में क्या अंतर है लिखिए
भाषा -
भाषा शब्द की उत्पत्ति 'भाष्' क्रिया से हुई है, जिसका अर्थ बोलना या कहना होता है। जिन ध्वनियों द्वारा मनुष्य परस्पर विचार विनिमय करता है उसकी सामिष्टि को भाषा कहा जाता है।
या
ध्वनियों का वह समुदाय, झुंड या समूह जिसके द्वारा हम अपने विचारों का आदान प्रदान करते हैं भाषा कहलाती है।
1.भाषा बोली का पूर्ण विकसित रूप होता है।
2.भाषा साहित्य की प्रचुरता तथा महत्ता होती है।
3.भाषा का क्षेत्र व्यापक होता है।
4.भाषा का प्रयोग राजकार्य में भी होता है।
5.उदाहरण -हिंदी,अंग्रेजी ।
भाषा के कार्य -
1.मनुष्य के किसी भी भाग को अच्छी तरह से प्रकट करना।
2. किसी भी बात का ज्ञान या बोध कराने वाली क्रिया या भाव प्रकट करना ।
3. किसी रस का स्वाद कराना भाषा का प्रमुख कार्य है।
4. किसी भी विषय पर सोच विचार करना भी भाषा का कार्य है।
भाषा की विशेषताएं -
1.भाषा पैतृक संपत्ति नहीं है अपितु अर्जित संपत्ति है। भाषा सीखी जाती है। यह धन की तरह माता-पिता से अनायास प्राप्त नहीं होती है।
2. भाषा आरम्भ से लेकर अंत तक सामाजिक वस्तु है। भाषा की उत्पत्ति, उसका प्रयोग और उसका अर्जन सब कुछ समाज में ही होता है।
3. भाषा का अर्चन अनुकरण द्वारा होता है।
4. भाषा चिरपरिवर्तनशील है। भाषा शारीरिक, मानसिक, भौतिक कई कारणों से सतत् बदलती रहती है।
5. भाषा का कोई अंतिम स्वरूप नहीं होता, क्योंकि यह हमेशा परिवर्तनशील है।
6. भाषा का विकास कठिनता से सरलता की ओर होता है।
7. भाषा स्थूलता से सूक्ष्मता और अप्रौढ़ता से प्रौढ़ता की ओर जाती है।
बोली -
जब किसी एक भाषा के अंदर बहुत उसी भाषा के बहुत सारे अलग-अलग रूप विकसित हो जाते हैं, तो उन्हें बोली कहते हैं।
बोली की विशेषताएं -
1. बोली का क्षेत्र सीमित होता है।
2. बोली में साहित्य का निर्माण नहीं होता है अर्थात बोली में साहित्य का अभाव होता है।
3. बोली स्थानीय और घरेलू होती है। अतः इसका प्रयोग एक निश्चित स्थान प्राप्त किया जाता है।
4. बोली साहित्यक नहीं होती है।
5. इसकी शब्दावली सीमित होती है।
6. बोली को राज्य की मान्यता प्राप्त नहीं होती है।
भाषा और बोली में अंतर :-
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| भाषा और बोली में अंतर |


