SN1 और SN2 अभिक्रिया में अंतर लिखिए/ SN1 abhikriya aur SN2 abhikriya Mein antar
नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन ( SN अभिक्रिया ) -
जब किसी यौगिक ने उपस्थित परमाणु या नाभिक स्नेही को अपेक्षाकृत प्रबल नाभिक स्नेही द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाता है तो इसे नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। जैसे - एल्किल हैलाइड को जलीय KoH द्वारा जल अपघटन कराने पर एल्कोहल प्राप्त होता है।
SN1 अभिक्रिया - यह क्रिया दो पदों में संपन्न होती है। इनका वेग केवल क्रिया- कारक की सांद्रता पर निर्भर करता है। विभिन्न हैलाइडों के लिए SN1 अभिक्रिया की क्रियाशीलता का क्रम निम्न है -
3°>2°>1°>CH3 X । इनका वेग ध्रुवीय विलायकों में बढ़ता है।
SN2 अभिक्रिया - यह क्रिया एक ही पद में संपन्न होती है। इनका वेग क्रिया - कारक और नाभिक स्नेही दोनों की सांद्रता पर निर्भर करता है। विभिन्न एल्किल हैलाइडों के लिए अभिक्रिया की क्रियाशीलता का क्रम निम्न है - CH3 X > 1°>2°>3°। इनका वेग ध्रुवीय विलायकों में घटता है।
Thanks For Such a Wonderful Information
ReplyDeleteThanks sir apka
DeleteHi
ReplyDeleteHindi grammar
ReplyDelete🥰🥰😍💯
ReplyDeleteI love u
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