अपचायी ट्रांसफार्मर और उच्चायी ट्रांसफार्मर में अंतर

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अपचायी ट्रांसफार्मर और उच्चायी ट्रांसफार्मर में अंतर

अपचायी और उच्चायी ट्रांसफार्मर किसे कहते हैं ?

ट्रांसफार्मर किसे कहते हैं ? 

उत्तर - ट्रांसफार्मर एक ऐसी युक्ति है जो प्रत्यावर्ती धारा (AC) वोल्टता को बढ़ा या घटा देती है। इसका कार्य अन्योन्य प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित होता है अर्थात जब एक कुंडली में बहने वाली धारा के मान में परिवर्तन किया जाता है तो पास स्थित दूसरी कुंडली में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है।


ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते हैं ? 


ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते हैं - 


( 1 ) अपचायी ट्रांसफार्मर

( 2 ) उच्चायी ट्रांसफार्मर


अपचायी ट्रांसफार्मर -    

                              यह ट्रांसफार्मर प्रत्यावर्ती धारा (AC) वोल्टता को घटा देता है किंतु विद्युत धारा के मान को बढ़ा देता है।


उच्चायी ट्रांसफार्मर -  

                            यह ट्रांसफार्मर प्रत्यावर्ती धारा (AC) वोल्टता को बढ़ा देता है किंतु विद्युत धारा के मान को कम कर देता।


अपचायी और उच्चायी ट्रांसफार्मर में अंतर -


अपचायी ट्रांसफार्मर

उच्चायी ट्रांसफार्मर

1. यह प्रत्यावर्ती धारा (AC) की वोल्टता को घटा देता है।

यह प्रत्यावर्ती धारा (AC) की वोल्टता को बढ़ा देता है।

2. यह धारा की प्रबलता को बढ़ा देता है।

यह धारा की प्रबलता को कम कर देता है।

3. इसका परिणमन अनुपात 1 से कम होता है

इसका परिणमन अनुपात 1 से अधिक होता है

4. इसकी द्वितीयक कुंडली में फैरों की संख्या प्राथमिक कुंडली में फैरों की संख्या से कम होती है।

इसकी विद्युत या के कुंडली में फैरों की संख्या प्राथमिक कुंडली में फैरों की संख्या से अधिक होती है



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