Mp board class 10th social science Varshik Paper 2023

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Class 10th Social science final exam Paper 2022-23 MP Board Board| एमपी बोर्ड वार्षिक सामाजिक विज्ञान पेपर 2023


नमस्कार दोस्तों जैसे की आप को जानकारी होगी की आप की वार्षिक शुरू होने वाली है तो आप की अच्छी तैयारी के लिए आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।


MP Board  10th Social science  final exam paper 2022: 

एमपी बोर्ड में कक्षा 10वी सामाजिक विज्ञान विषय का वार्षिक पेपर  होने वाला है। सभी छात्र एमपी बोर्ड 10वी सामाजिक विज्ञान वार्षिक परीक्षा 2022 की तैयारी में जुटे हुए हैं। आप सभी छात्रों के लिए यह पोस्ट बहुत महत्वपूर्ण होने बाली हे इस पोस्ट में हम आपको कक्षा 10 वी सामाजिक विज्ञान  विषय के वार्षिक पेपर के अति महत्वपूर्ण प्रश्न बताने जा रहे है । यह प्रश्न अत्याधिक महत्वपूर्ण है, इन्हे एमपी बोर्ड वार्षिक परीक्षा 2022 के लिए अनुवभी शिक्षकों के द्वारा बनाया गया है। इस लिए नीचे जो भी प्रश्न दिए हैं उन्हे अच्छी तरीके से याद करले l

MP Board  10th Social Science final exam paper 2023


एमपी बोर्ड सामाजिक विज्ञान वार्षिक परीक्षा 2023


एमपी बोर्ड में वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो गई MP Board  board Class 10th Social science half yearly paper solution करने के लिए पोस्ट को अंत तक पढ़े।


MP Board  10th Social science final exam model paper 2022-23 


एमपी बोर्ड ने जारी की वार्षिक परीक्षा के मॉडल पेपर यहां से डाउनलोड करें पीडीएफ


एमपी बोर्ड ने कक्षा 10वी के लिए वार्षिक परीक्षा के मॉडल पेपर बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी कर दिए गए हैं। अगर आप भी 10वी क्लास के एग्जाम देने वाले हैं तो आज ही इस वेबसाइट में दिए गए मॉडल पेपर डाउनलोड करें और अपनी वार्षिक परीक्षा की तैयारी को मजबूत बनाएं ओट बोर्ड के रिजल्ट में अच्छे अंक लेकर आएं छात्रों आपको यहां पर दिए गए सभी विषयों के मॉडल पेपर बोर्ड की से जारी किए गए न्यू पैटर्न के आधार पर हैं और इन्हीं मॉडल पेपर के आधार पर ही आपके एग्जाम में पेपर होने वाले अतः आप बोर्ड द्वारा जारी इन मॉडल पेपर के अनुसार अपनी तैयारी कर सकते हैं सभी विषयों के मॉडल पेपर आपको इस वेबसाइट में दिए गए हैं आप यहां से अपने सब्जेक्ट वाइज मॉडल पेपर डाउनलोड कट सकते हैं।


एमपी बोर्ड की ओर से जारी किए जाने वाले मॉडल पेपर छात्रों की अच्छी तैयारी एग्जाम पैटर्न को समझने के लिए मॉडल पेपर जारी किए जाते हैं। और यह मॉडल पेपर हर वर्ष सिलेबस के अनुरूप ही जारी किए जाते हैं



Class 10th Social science annual exam paper 2023 / mpboard annual exam 2023 class 10th social science paper: आजकी इस पोस्ट में हम आपको एम पी बोर्ड में कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा का पेपर 7 मार्च को है |Mp Board Class 10th social science Varshik Paper 2022 का पेपर 7 मार्च को होने बाला है । मध्यप्रदेश बोर्ड कक्षा दसवीं सामाजिक विज्ञान वार्षिक पेपर 2023 के लिए नीचे दिए गए सभी प्रश्न महत्वपूर्ण है। 7 मार्च को होने वाला कक्षा दसवीं के पेपर के लिए अनुभवी टीचर्स के द्वारा प्रश्न पत्र तैयार किया गया है। कक्षा दसवीं हिंदी पेपर की तैयारी करने के लिए सबसे बेस्ट तरीका यह है कि विमर्श पोर्टल पर अपलोड किए गए अभ्यास प्रश्न पत्र को सॉल्व करें और उन्हें अच्छी तरीके से याद करें।


7 मार्च का सामाजिक विज्ञान का वार्षिक पेपर कक्षा 10वी का एमपी बोर्ड


7 मार्च का रियल पेपर हिंदी के पेपर के प्रश्न आपको यहां पर बताने वाले है | लेकिन इस बात का ध्यान अवश्य रखे की यह सभी प्रश्न पत्र आपको उपलब्ध कराए जा रहे है बो सभी अनुभवी टीचर्स के द्वारा बनाए गए हैं। 7 march ka social science ka paper MP board के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न नीचे दिए है उन्हें अच्छी तरह से याद कर ले kaksha 10 ka social science ka 7 march ka real paper

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वार्षिक परीक्षा- 2022-23


कक्षा - 10वीं 


विषय - सामाजिक विज्ञान



पूर्णांक - 80                                         समय-3 घण्टे

_______________________________________________________


निर्देश :-


सभी प्रश्नों के उत्तर लिखिए।


ii) प्रश्न क्रमांक 01 से 05 वस्तुनिष्ठ प्रश्न है। प्रत्येक उपप्रश्न के लिए एक-एक अंक कुल 32 अंक निर्धारित है।


(iii) प्रश्न क्रमांक 06 से 15 अतिलघुउत्तरीय प्रश्न है । प्रत्येक प्रश्न के लिए दो-दो अंक निर्धारित है । ( शब्द सीमा लगभग 30 शब्द)


(iv) प्रश्न क्रमांक 16 से 19 लघुउत्तरीय प्रश्न है। प्रत्येक प्रश्न के लिए तीन-तीन अंक निर्धारित है। ( शब्द सीमा लगभग 75 शब्द)


(v) प्रश्न क्रमांक 20 से 23 विश्लेषणात्मक प्रश्न है। प्रत्येक प्रश्न के लिए चार-चार अंक निर्धारित हैं । ( शब्द सीमा लगभग 120 शब्द)


अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर


प्रश्न 1. पट्टी कृषि किसे कहते हैं ? उत्तर- मध्य हिमालय में सोपान अथवा सीढ़ीदार कृषि की जाती है। बड़े खेतों को पट्टियों में बांटा जाता है। फसलों के


बीच में पास की पट्टियां उगाई जाती है। ये पचनों द्वारा जनित बस को कमजोर करती है। इस तरीके को 'पट्टी कृषि' कहते हैं।


प्रश्न 2. समोच्य जुताई किसे कहते हैं?

उत्तर- बाल वाली भूमि पर समोच्य रेखाओं के समानांतर हा 'समोच्च बुताई' कहा जाता है। चलाने से ढाल के साथ जल बहाव की गति घटती है इसे समोच्य जुताई कहते हैं।


प्रश्न 3. चादर अपरदन किसे कहते हैं ? उत्तर- कई बार जल विस्तृत क्षेत्र को ढंके हुए ढाल के साथ नीचे की ओर बहता है। ऐसी स्थिति में इस क्षेत्र की ऊपरी मृदा घुलकर जल के साथ बह जाती है। इसे 'चादर अपरदन' कहते हैं।


प्रश्न 4. राष्ट्रीय संसाधन किसे कहते हैं ? 

उत्तर- तकनीकी तौर पर देश में पाये जाने वाले सभी संसाधन राष्ट्रीय संसाधन कहलाते हैं।


प्रश्न 5. मृदा निम्नीकरण से क्या आशय है ? उत्तर- मृदा को कृषि योग्य न रहने देने की प्रक्रिया को भूमि निम्नीकरण या मृदा निम्नीकरण कहते हैं। मानवीय क्रियाकलापों के कारण न केवल भूमि का निम्नीकरण हो रहा है, बल्कि भूमि को नुकसान पहुँचाने वाली प्राकृतिक ताकतों को भी बल मिला है।


1 प्रश्न 6. उत्पत्ति के आधार पर संसाधन के प्रकार लिखिए। उत्तर- उत्पत्ति के आधार पर संसाधन दो प्रकार के हैं-


(1) जैविक संसाधन (2) अजैविक संसाधन । 

जैव संसाधन की प्राप्ति जीवमण्डल से होती है और इनमें जीवन व्याप्त है जैसे- मनुष्य, प्राणीजात आदि। वे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने है, अजैव संसाधन कहलाते हैं जैसे- चट्टानें, धातुएँ आदि।


प्रश्न 7. कृषि के लिए अनुपलब्ध भूमि के कोई दो बिन्दु लिखिए।


उत्तर- कृषि के लिए अनुपलब्ध भूमि के 2 बिन्दु निम्न हैं-

(1) बंजर तथा कृषि अयोग्य भूमि । 

(2) गैर कृषि प्रयोजनों में लगाई गई भूमि। जैसे- इमारतें, सड़क, उद्योग आदि।


प्रश्न 8. सकल कृषित क्षेत्र कौनसा कहलाता है ?


उत्तर - कृषि भूमि के कुछ भाग पर वर्ष में एक से अधिक बार फसलें बोई व काटी जाती है। जितने भू-भाग पर एक से अधिक बार फसल बोई जाती है, उसे उतनी ही बार कुल बोए गए क्षेत्र में जोड़ा जाता है। निवल बोया गया क्षेत्र: सकल बोया गया क्षेत्र शुद्ध अथवा निवल बोए गए क्षेत्र से अधिक होता है। 


प्रश्न 9. मरुस्थलीय मिट्टी व जलोढ़ मिट्टी में कोई दो-अंतर लिखिए । 


उत्तर- मरूस्थलीय व जलोढ़ मिट्टी में अंतर निम्न है-


Photo 


प्रश्न 11. मृदा अपरदन किसे कहते हैं ? मृदा अपरदन के "कोई दो कारण लिखिए।

उत्तर- मृदा अपरदन- मृदा के कटाव और उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहा जाता है। मृदा निम्नीकरण के दो कारण निम्न हैं-


(1) पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में

अधिक सिंचाई भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी है। 


(2) गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में अति पशुचारण भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण है। 


प्रश्न 12. एजेंडा 21 क्या है ?


उत्तर- यह एक घोषणा है जिसे 1992 में ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरो में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विकास सम्मेलन (UNCED) के तत्वावधान में राष्ट्रध्यक्षों द्वारा स्वीकृत किया गया था, इसका उद्देश्य भूमंडलीय सतत् पोषणीय विकास हासिल करना है।


प्रश्न 13. काली मिट्टी की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। 


उत्तर- इस मिट्टी का रंग काला होता है अतः इसे काली मिट्टी कहते हैं। इसकी दो विशेषताएँ निम्न हैं-


(1) इसकी अधिक समय तक नमी धारण करने की क्षमता प्रसिद्ध है।


(2) इसमें मिट्टी के पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं। 


प्रश्न 14. संसाधन किसे कहते हैं ?


उत्तर- हमारे पर्यावरण में उपलब्ध वे सभी वस्तुएँ जो हमारे लिए उपयोगी है संसाधन कहलाते हैं। जैसे- हवा, पानी, मिट्टी।


प्रश्न 15. समाप्यता के आधार पर संसाधनों के प्रकारों के नाम लिखिए ।


उत्तर- समाप्यता के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते हैं- नवीनीकरण और अनवीनीकरण संसाधन ।


प्रश्न 16. मृदा संरक्षण के कोई दो उपाय लिखिए। 


उत्तर- मुदा संरक्षण से आशय मिट्टी के बहाव को रोकना एवं


उसे प्रदूषित होने से बचाना । मृदा अपरदन को रोकने के उपाय-


(1) वृक्षारोपण करना।


(2) वृक्षों की कटाई पर रोक लगाना।


प्रश्न 17. नवीकरणीय संसाधन किसे कहते हैं ? उदाहरण

'सहित समझाइए ।


उत्तर- वे संसाधन जो प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जो कभी समाप्त नहीं होंगे, उन्हें नवीनीकरण संसाधन कहते हैं। जैसे- हवा, सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा आदि। प्रश्न 


18. अनवीकरणीय संसाधन किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित समझाइए ।


उत्तर- वे संसाधन जो लम्बे समय तक उपयोग के बाद समाप्त. हो जाएँगे, जिन्हें फिर से पुनः उत्पन्न नहीं किया जा सकता है, वे अनवीकरण संसाधन कहलाते हैं। जैसे- जीवाश्म ईंधन, धातु आदि।


प्रश्न 19. मरुस्थलीय मृदा की कोई दो विशेषताएँ लिखिए ।


उत्तर- मरूस्थलीय मृदा की दो विशेषताएँ निम्न हैं-


(1) ये मृदाएँ आमतौर पर रेतीली और लवणीय होती हैं। 


(2) शुष्क जलवायु और उच्च तापमान के कारण जलवाष्पन दर अधिक है और मृदाओं में ह्यूमस और नमी की मात्रा कम होती है।


प्रश्न 20. जलोढ़ मृदा की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। 

उत्तर- पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है। जलोढ़ मृदा की तीन विशेषताएँ-


(1) जलोढ़ मृदा अधिक उपजाऊ होती है, इसीलिए इस मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है।


(2) जलोढ़ मृदाएँ पोटाश, फास्फोरस और चूनायुक्त होती है।


(3) इस मृदा में रेत, सिल्ट और मृतिका के विभिन्न अनुपात पाए जाते हैं।


प्रश्न 20. जलोढ़ मृदा की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। 


उत्तर- पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है। जलोढ़ मृदा की तीन विशेषताएँ-


(1) जलोढ़ मृदा अधिक उपजाऊ होती है, इसीलिए इस मृदा

वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है।


(2) जलोढ़ मृदाएँ पोटाश, फास्फोरस और चूनायुक्त होती है। 


(3) इस मृदा में रेत, सिल्ट और मृतिका के विभिन्न अनुपात पाए जाते हैं।


प्रश्न 21. भारत में भू-संसाधन का उपयोग किन उद्देश्यों से किया जाता है ? कोई दो उद्देश्य लिखिए।


उत्तर- भारत में भू-संसाधन का उपयोग निम्न उद्देश्यों से किया जाता है-


(1) वनों के रूप में।


(2) कृषि के लिए उपलब्ध भूमि- इसमें बंजर तथा कृषि अयोग्य भूमि तथा गैर-कृषि प्रयोजनों में लगाई गई भूमि शामिल है। 


(3) परती भूमि के अतिरिक्त अन्य कृषि अयोग्य भूमि- इसमें

स्थायी चारागाह, अन्य गोचर भूमि, वृक्ष, वृक्ष फसलों आदि भूमि शामिल है।


प्रश्न 22. शुद्ध (निबल) बोया क्षेत्र किसे कहते हैं ? 


उत्तर- वह भूमि जिस पर फसलें उगाई व काटी जाती है। उसे निविल बोया गया क्षेत्र अथवा शुद्ध बोया गया क्षेत्र कहते हैं।




प्रश्न 24. स्वामितत्व के आधार पर संसाधनों के प्रकार लिखिए ।


उत्तर- स्वामित्व के आधार पर चार प्रकार के संसाधन होते हैं- (1) निजी संसाधन, (2) सार्वजनिक, (3) राष्ट्रीय, (4) अंतर्राष्ट्रीय ।


प्रश्न 25. भारत में संसाधनों के संरक्षण के कोई दो उपाय


लिखिए।


उत्तर- संसाधन किसी भी प्रकार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। किन्तु संसाधनों का विवेकहीन उपभोग और अति उपयोग के कारण कई सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है। इनसे बचने के लिए विभिन्न स्तरों पर संसाधनों का संरक्षण आवश्यक है जैसे-


(1) राष्ट्र के विभिन्न प्रदेशों में संसाधनों की पहचान कर उनका प्रौद्योगिकी व तकनीकी रूप से प्रयोग करना । (2) संसाधनों का विवेकपूर्ण प्रयोग करने के लिए विभिन्न योजनाएँ लागू करना।


प्रश्न 26. मृदा अपरदन के संसाधनों के अंधाधुन्ध उपयोग से उत्पन्न होने वाली कोई दो समस्याएँ लिखिए।


उत्तर- संसाधन जिस प्रकार, मनुष्य के जीवन यापन के लिए अति आवश्यक है, उसी प्रकार जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है, किन्तु इनके अंधाधुंध प्रयोग से निम्न समस्याएँ उत्पन्न हो रही है- (1) वैश्विक पारिस्थितिकी संकट पैदा हो गया है। (2) पर्यावरण प्रदूषण और भूमि निम्नीकरण के कारण अनेक प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो रही है।


प्रश्न 27. भारत में पाई जाने वाली किन्हीं दो मृदाओं की विशेषताएँ लिखिए ।


उत्तर- भारत में विभिन्न प्रकार की मृदाएँ पायी जाती है, जिनमें से प्रमुख मृदाएँ व उनकी विशेषताएँ निम्न हैं-


1. जलोढ़ मिट्टी- (1) यह अत्यधिक उपजाऊ मृदा है व सम्पूर्ण उत्तरी मैदान में यही मिट्टी पायी जाती है। 

(2) यह कृषि के लिए बहुत उपयोगी है।


2. काली मिट्टी- (1) अधिक समय तक नमी धारण करने की क्षमता होती है। 

(2) इसमें पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। 


प्रश्न 28. संसाधनों के अंधाधुन्ध उपयोग से उत्पन्न होने वाली कोई दो समस्याएँ लिखिए ।


उत्तर- उत्तर- संसाधन जिस प्रकार, मनुष्य के जीवन यापन के लिए अति आवश्यक है, उसी प्रकार जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है, किन्तु इनके अंधाधुंध प्रयोग से निम्न समस्याएँ उत्पन्न हो रही है- (1) वैश्विक पारिस्थितिकी संकट पैदा हो गया है। (2) पर्यावरण प्रदूषण और भूमि निम्नीकरण के कारण अनेक प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो रही है।


प्रश्न 29. भारत में सबसे अधिक कौन-सी मिट्टी पाई


जाती है? इसकी कोई दो विशेषताएँ लिखिए। उत्तर- भारत में सबसे अधिक 'जलोढ़ मिट्टी' पाई जाती है। यह देश की महत्वपूर्ण मृदा है, इसकी दो विशेषताएँ निम्न हैं-


(1) यह मिट्टी सबसे अधिक उपजाऊ होती है। 

(2) इसमें साधारणतया पोटाश, फॉस्फोरिक अम्ल तथा चूना पर्याप्त मात्रा में होता है।



प्रश्न. कृषि पर आधारित दो उद्योगों के नाम लिखिए। उत्तर- शक्कर उद्योग व कपड़ा उद्योग कृषि आधारित उद्योग है।


प्रश्न . रोपण कृषि की कोई चार फसलों के नाम


लिखिए।


उत्तर- रोपण कृषि एक प्रकार की वाणिज्यिक खेती है। इस प्रकार की खेती में लम्बे चौड़े क्षेत्र में एकल फसल बोई जाती है । भारत में चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना, केला आदि महत्वपूर्ण


रोपण फसलें हैं।


प्रश्न . भारत की शस्य ऋतुओं के नाम लिखिए।


उत्तर- भारत में 3 शस्य ऋतुएँ हैं- रबी, खरीफ और जायद ।


प्रश्न . कृषि के प्रमुख प्रकारों के नाम लिखिए। 

उत्तर- कृषि हमारे देश की प्राचीन आर्थिक क्रिया है। पिछले हजारों वर्षों के दौरान भौतिक पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और सामाजिक- सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के अनुसार खेती करने की विधियों में सार्थक परिवर्तन हुए है। वर्तमान समय में भारत के विभिन्न भागों में निम्न प्रकार की कृषि की जा रही है- (1) प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि। (2) गहन जीविका कृषि । (3) वाणिज्यिक कृषि । (4) रोपण कृषि । 


प्रश्न . रबड़ से बनने वाली वस्तुओं के नाम लिखिए किन्हीं दो के उपयोग लिखिए ।


उत्तर- रबड़ एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है जो उद्योगों में प्रयुक्त होता है। टायर और ट्यूब, बैल्ट, पर्स, खिलौने, दस्ताने, गेंद, ■ थैले आदि वस्तुओं की पूर्ति व मनोरंजन आदि के लिए प्रयोग करते हैं।


प्रश्न . भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसलों के नाम लिखिए ।


उत्तर- खाद्यान्न फसलें वे फसले कहलाती है, जिनका प्रयोग भोजन के लिए मुख्य पदार्थ के रूप में किया जाता है। भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसलें, चावल, गेहूँ, ज्वार, मक्का, चना, तुअर आदि है।


प्रश्न . रबी और खरीफ की फसलों के चार-चार उदाहरण (फसलों के नाम) लिखिए।


उत्तर- रबी- यह फसल मानसून ऋतु के बाद शरद ऋतु के साथ शुरू होती है है। इसकी मुख्य फसलें- गेहूं, जौ, चना, सरसों आदि है।


खरीफ- यह ऋतु मानसून के आगमन के साथ शुरू होती है।

इसकी प्रमुख फसलें चावन, ज्वार, बाजरा, मक्का, आदि है। कपास


प्रश्न . भारत की कृषि ऋतुओं के नाम लिखिए। उत्तर- भारत की कृषि ऋतुएँ तीन है जो इस प्रकार है-


(1) रबी, (2) खरीफ और (3) जायद । 


प्रश्न . प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि की दो विशेषताएँ लिखिए ।


उत्तर- इसका उद्देश्य कृषि करके जीवन निर्वाह करना होता है। जीविका चलाने, परिवार का पोषण करने के लिए कृषि की जाती है। इस प्रकार की कृषि प्रायः मानसून, मृदा की प्राकृतिक उर्वरता और फसल उगाने के लिए अन्य पर्यावरणीय पारिस्थितियों की उपयुक्तता पर निर्भर करती है। 


प्रश्न . स्थानांतरित कृषि से क्या तात्पर्य है ?


उत्तर- स्थानांतरित कृषि को 'कर्तन दहन प्रणाली' भी कहते हैं, जिसमें किसान जमीन के टुकड़े साफ करके उन पर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए अनाज व अन्य खाद्य फसलें उगाते हैं। जब मृदा की उर्वरता कम हो जाती है तो किसान उस भूमि के टुकड़े से स्थानांतरित हो जाते हैं और कृषि के लिए भूमि का दूसरा टुकड़ा साफ करते हैं।


प्रश्न . वाणिज्य कृषि की कोई दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।


उत्तर- इस प्रकार की कृषि की मुख्य विशेषता आधुनिक निवेशों जैसे अधिक पैदावार देने वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से उच्च पैदावार प्राप्त करना है ।


प्रश्न . कृषि पर आधारित उद्योगों को उदाहरण सहित समझाइए ।


उत्तर- वस्त्र उद्योग, चीनी उद्योग, कागज उद्योग, पटसन उद्योग, वनस्पति उद्योग आदि कृषि आधारित उद्योग है। वस्त्र उद्योग- भारत में वस्त्र उद्योग प्राचीन तथा बड़ा उद्योग है। कपास, जूट, रेशम तथा ऊन वस्त्र उद्योग के लिए कच्चा माल है।


प्रश्न . कृषि का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कोई दो योगदान लिखिए।


उत्तर-  कृषि का भारतीय अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 14% योगदान है। लेकिन लगातार हमारी अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान घट रहा है। 1950 के दशक में हमारी अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 53% होता था जो वर्तमान में करीब 14% रह गया है। देश में निर्यात के क्षेत्र में कृषि का 10% हिस्सा है।


प्रश्न . भारतीय कृषि की दो समस्याएँ लिखिए । 


उत्तर- भारतीय किसान अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं जैसे- मानसून की अनिश्चितता, फसल का वास्तविक उत्पादन मूल्य न मिल पाना आदि।


प्रश्न. विनिर्माण उद्योग किसे कहते हैं ? 

उत्तर- कच्चे पदार्थ को मूल्यवान उत्पाद में बदलकर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को विनिर्माण या वस्तु निर्माण कहा जाता है। जैसे- कपास से सूत या कपड़ा, लुगदी के कागज, गन्ना से चीनी, गेहूँ से आटा, आटा से रोटी या बिस्कुट, लौह अयस्क से लोहा-इस्पात, खनिज तेल से रासायनिक पदार्थ तथा बॉक्साइट से एल्युमिनियम बनाने की प्रक्रिया को विनिर्माण उद्योग कहा जाता है।


प्रश्न. उद्योग किसे कहते हैं ? 

उत्तर- मनुष्य का वस्तु निर्माण करने का कार्य 'उद्योग' कहलाता है।


प्रश्न. रसायन उद्योग किसे कहते हैं ?


उत्तर- रासायनिक उद्योग में वे सभी उद्योग आते हैं जो

औद्योगिक रसायनों का उत्पादन करते हैं। रासायनिक उद्योग संसार की वर्तमान अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ये उद्योग कच्चे माल को 70,000 से भी अधिक विभिन्न उत्पादों में परिवर्तित करते हैं।


प्रश्न. उर्वरक उद्योग किसे कहते हैं ?


उत्तर- उर्वरक उद्योग रासायनिक उर्वरकों का निर्माण करते हैं। जो पानी में घुलनशील यौगिकों और खनिजों से समृद्ध होते हैं। यह उद्योग नाइट्रोजनी उर्वरक, फास्फेटिक उर्वरक तथा अमोनियम फास्फेट और मिश्रित उर्वरक जिनमें 3 मुख्य पोषक उर्वरक नाइट्रोजन, फास्फेट व पोटाश शामिल हैं के उत्पादन क्षेत्रों के इर्द-गिर्द केन्द्रीत हैं।


प्रश्न - उपभोक्ता उद्योग किसे कहते हैं ?


उत्तर- वे उद्योग जो लोगों की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने के काम आते हैं, उपभोक्ता उद्योग कहलाते हैं जैसे- चीनी,कागज, पंखे आदि।


प्रश्न - एल्युमिनियम प्रगलन क्या है ? समझाइए ।


उत्तर- भारत में एल्युमिनियम प्रगलन दूसरा सर्वाधिक महत्वपूर्ण धातु शोधन उद्योग है। इसके निर्माण प्रक्रिया के निम्न चार्ट द्वारा समझा जा सकता है।



प्रश्न - उद्योग के लिए मुख्य आधार क्या होता है ? "उत्तर- उद्योग के लिए मुख्य आधार कच्चा माल होता है, इसके अतिरिक्त श्रमिक, पूँजी, शक्ति के साधन तथा बाजार भी इसे प्रभावित करते हैं।


प्रश्न - कच्चे माल के आधार पर उद्योग कितने प्रकार के होते है?


उत्तर- प्रयुक्त कच्चे माल के स्रोत के आधार पर - (अ) कृषि आधारित - सूती वस्त्र, पटसन, रेशम, चीनी, चाय, कॉफी, तेल उद्योग ।


(ब) खनिज आधारित लोह-इस्पात उद्योग, सीमेंट । 


प्रश्न - कच्चे माल पर आधारित दो उद्योगो के नाम लिखिए। 


उत्तर- (1) कृषि आधारित उद्योग,


(2) खनिज आधारितउद्योग,


(3) वन आधारित उद्योग ।


प्रश्न - रसायन पर आधारित दो उद्योगों के नाम लिखिए।


उत्तर- (1) वस्त्र उद्योग, कागज उद्योग।


(2) फार्मास्यूटिकल, कृषि रसायन उद्योग।


प्रश्न - रसायन पर आधारित दो उद्योगों के नाम लिखिए 


उत्तर-  कृत्रिम वस्त्र, प्लास्टिक, काँच, साबुन उद्योग आदि रसायन आधारित उद्योग है।


प्रश्न. गन्ने पर आधारित दो उद्योगों के नाम लिखिए। 


उत्तर- चीनी उद्योग, गुड़ उद्योग, खांडसारी उद्योग गन्ना आधारित उद्योग है। 


प्रश्न. चूना पत्थर किस उद्योग में कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होता है ?


उत्तर- सीमेंट उद्योग में चूना पत्थर कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त उद्योग है।


प्रश्न. भारत में लघु उद्योग के लिए वर्तमान में अधिकतम निवेश सीमा कितनी है ?


उत्तर- भारत में लघु इकाई के लिए सीमा 10 करोड़ रु. के निवेश और टर्नओवर 50 करोड़ रु. तक बढ़ा दी गई है। 


प्रश्न. निजी उद्योग किसे कहते हैं ? निजी उद्योग का एक उदाहरण लिखिए। 


उत्तर- वे उद्योग जिनका स्वामित्व एक व्यक्ति और उसके द्वारा संचालित अथवा लोगों के स्वामित्व में या उनके द्वारा संचालित होता है। निजी उद्योग कहलाते हैं। जैसे- टिस्को, बजाज ऑटो लिमिटेड आदि। 


प्रश्न. सार्वजनिक उद्योग किसे कहते हैं ? कोई एक  सार्वजनिक उद्योग उद्योग के नाम लिखिए। 


उत्तर- इन उद्योगों पर व्यक्ति विशेष का स्वामित्व न होकर सरकार का अधिकार होता, है तथा उसी के द्वारा संचालित किए जाते हैं सार्वजनिक उद्योग कहलाते हैं जैसे BHE एवं स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ।


प्रश्न. कच्चे माल पर आधारित उद्योग को कितने भागों में बांटा गया है ? लिखिए ।


उत्तर- कच्चे माल के आधार पर उद्योग 2 प्रकार के होते हैं- 1. भारी उद्योग- जैसे लोहा तथा इस्पात उद्योग ।


2. हल्के उद्योग- वे उद्योग जो कम भार वाले कच्चे माल का प्रयोग कर हल्के तैयार माल का उत्पादन करते हैं जैसे- विद्युतीय उद्योग । 


प्रश्न, उर्वरक उद्योग भार में कहाँ-कहाँ पर केन्द्रित है ? लिखिए ।


उत्तर- उर्वरक उद्योग भारत में गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल राज्य कुल उर्वरक उत्पादन का लभगभग 50% उत्पादन करते हैं। अन्य महत्वपूर्ण उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, असम, बंगाल, गोआ, दिल्ली, मध्यप्रदेश तथा कर्नाटक है।


प्रश्न. औद्योगिक प्रदूषण किसे कहते हैं ? औद्योगिक प्रदूषण के प्रकार लिखिए ।


उत्तर- औद्योगिक प्रगति ने अर्थव्यवस्था को विकसित व उन्नत बनाने में जहाँ अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संबंधी ऐसी कठिनाइयों को जन्म दिया जो आज विकरालरूप लिये हमारे समझ खड़ी हुई है।


औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला कचरा, धुँआ, दूषित जल, विषैली गैस आदि सम्पूर्ण पर्यावरण को प्रदूषित कर रही है इसे ही औद्योगिक प्रदूषण कहते हैं- (1) वायु प्रदूषण, (2) जल प्रदूषण, (3) ध्वनि प्रदूषण, (4) भूमि प्रदूषण ।


प्रश्न. पर्यावरण निम्नलिखित की रोकथाम के कोई दो उपाय लिखिए। 


उत्तर- पर्यावरण निम्नीकरण की रोकथाम के कोई 2 उपाय निम्न है-


(1) विभिन्न प्रक्रियाओं में जल का न्यूनतम उपयोग तथा जल का दो या अधिक उत्तरोत्तर अवस्थाओं में पुनचक्रण द्वारा पुनः प्रयोग ।


(2) नदियों व तालाबों में गर्म जल तथा अपशिष्ट पदार्थों को प्रवाहित करने से पहले उनका शोधन करना ।



प्रश्न. औद्योगिक अपशिष्ट का शोधन के कोई दो उपाय लिखिए ।


उत्तर- औद्योगिक अपशिष्ट शोधन के दो उपाय निम्न हैं- (1) यांत्रिक साधनों द्वारा प्राथमिक शोधन । (2) जैविक प्रक्रियाओं द्वारा द्वितीयक शोधन । 


प्रश्न. वायु प्रदुषण में पायी जाने वाली अनचाही गैसों के नाम लिखिए।


उत्तर- वायु प्रदूषण में पायी जाने वाली मनचाही गैस सल्फर

डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड है। 


प्रश्न. जल प्रदूषण के कोई दो कारण लिखिए। 


उत्तर- जल प्रदूषण के कोई दो कारण निम्न है-

(1) उद्योगों द्वारा कार्बनिक तथा अकार्बनिक अपशिष्ट पदार्थों के नदी में छोड़ने से जल प्रदूषण फैलता है।


(2) जल प्रदूषण के प्रमुख कारक कागज, लुगदी, रसायन वस्त्र तथा रंगाई उद्योग, तेल शोधन शालाएँ, चमड़ा उद्योग तथा इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योग हैं जो रंग, अपमार्जक, अम्ल, लवण तथा भारी धातुएँ जैसे सीसा, पारा, कीटनाशक, उर्वरक, कार्बन प्लास्टिक और रबर सहित कृत्रिम रसायन आदि जल में वाहित करते हैं।


प्रश्न. तापीय प्रदूषण का जलीय जीवों पर क्या प्रभाव पड़ता है? 


उत्तर- जब कारखानों तथा तापघरों से गर्म जल को बिना ठण्डा किए ही नदियों तथा तालाबों में छोड़ दिया जाता है, तो जल में तापीय प्रदूषण होता है। जलीय जीवों पर प्रभाव- 

(1) मृदा व जल प्रदूषण आपस में संबंधित है। 


(2) वर्षा के जल के साथ ये प्रदूषक जमीन से रिसते हुए भूमिगत जल तक पहुँच कर उसे भई प्रदूषित कर देते हैं।


(3) जानलेवा बीमारियों का खतरा बड़ गया है।


(4) जलीय जीवों का जीवन भी खतरे में पड़ गया है।


प्रश्न. सूचना प्रोद्योगिकी किसे कहते हैं ? 


उत्तर- सूचना की नवीन तकनीकी जिससे विभिन्न प्रकार की समस्याएँ गंतव्य स्थान या व्यक्ति आदि तक कुछ ही समय या. सेकंडों में पहुँच जाती है। इलेक्टॉनिक उद्योग के अंतर्गत आने वाले उत्पादों में ट्रांजिस्टर से लेकर टेलीविजन, टेलीफोन, दूरसंचार आदि सम्मिलित है।


प्रश्न. राष्ट्रीय राजमार्ग किसे कहते हैं ? 


उत्तर- राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूरस्थ भागों को जोड़ते हैं। ये प्राथमिक सड़क तंत्र है जिनका निर्माण व रखरखाव केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकार क्षेत्र में है।


प्रश्न. राज्य राज मार्ग किसे कहते हैं ? 


उत्तर- राज्यों की राजधानियों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने वाली सड़कें राज्य राजमार्ग कहलाती है। राज्य तथा केन्द्रशासित क्षेत्रों में इनकी व्यवस्था तथा निर्माण का दायित्व राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग का होता है। 


प्रश्न. जिला मार्ग क्या होता है?


उत्तर- ये सड़के जिले के विभिन्न प्रशासनिक केन्द्रों को जिला मुक्यालय से जोड़ती है। इन सड़कों की व्यवस्था का उत्तरदायित्व जिला परिषद् का है। 


प्रश्न. जल परिवहन के प्रकारों के नाम लिखिए।


उत्तर- जल परिवहन के प्रकारों के नाम निम्न है-


(1) हल्दिया तथा इलाहाबाद के मध्य गंगा जलमार्ग- नौगम्य जलमार्ग संख्या-1


(2) सदिया व धुबरी के मध्य ब्रह्मपुत्र नदी जलमार्ग- नौगम्य जलमार्ग संख्या-2


(3) केरल में पश्चिम- तटीय नहर तक नौगम्य जलमार्ग-3 


(4) काकीनाड़ा और पुदुच्चेरी नहर स्ट्रेच के साथ-साथ गोदावरी और कृष्णा नदी का विस्तार राष्ट्रीय जलमार्ग - 4


(5) मातई नदी, महानदी के डेल्टा चैनल, ब्राह्मणी नदी और पूर्वी तटीय नहर के साथ - राष्ट्रीय जलमार्ग-5


प्रश्न. स्थल परिवहन के प्रकार लिखिए।


उत्तर- भारत में सड़कों की सक्षमता के आधार पर इन्हें निम्न 6 वर्गों में वर्गीकृत किया गया है- 

(1) स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग, (2) राष्ट्रीय राजमार्ग, (3) राज्य राजमार्ग, (4) जिला मार्ग, (5) अन्य सड़कें, (6) सीमांत

सड़कें ।


प्रश्न. देश की पहली रेलगाड़ी कब और कहाँ से कितनी दूरी पर चलाई गई ?


उत्तर- भारतीय रेल परिवहन देश का सर्वाधिक बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का प्राधिकरण है। देश की पहली रेलगाड़ी सन् 1853 में मुम्बई और थाणे के मध्य चलाई गई जो 34 किमी. की दूरी तय करती थी।


प्रश्न. पाइप लाइन परिवहन से किन वस्तुओं का परिवहन किया जाता है?


उत्तर- भारत के परिवहन में पाइप लाइन एक नया परिवहन का साधन है। कच्चा तेल, पेट्रोल उत्पाद तथा तेल से प्राप्त प्राकृतिक तथा गैस क्षेत्र से उपलब्ध गैस शोधनशालाओं उर्वरक कारखानों व बड़े ताप विद्युत गृहों तक पहुंचाने में किया जाता है। ठोस पदार्थों को तरल अवस्था में परिवर्तित कर पाइप लाइनों द्वारा ले जाया जाता है।


प्रश्न. भारत में किन वस्तुओं का आयात मुख्य रूप से होता है ?


उत्तर- भारत में आयातित वस्तुओं में कच्चा पेट्रोलियम तथा उत्पाद, रत्न व जवाहरात आधार धातुएँ, मशीनें, कृषि व अन्य उत्पाद शामिल हैं।


प्रश्न. भारत से निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं के


नाम लिखिए।


उत्तर- भारत से निर्यात होने वाली प्रमुख वस्तुएं रत्न व जवाहरात, रसायन एवं संबंधित उत्पाद तथा कृषि एवं संबंधित उत्पाद है।


प्रश्न. परिवहन किसे कहते हैं ?


उत्तर- वस्तुओं तथा यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान

तक ले जाने की प्रक्रिया को परिवहन कहते हैं। आधुनिक युग

में परिवहन तथा संचार आर्थिक विकास के अभिन्न अंग बन

गए हैं।


प्रश्न. अनुकूल व्यापार संतुलन किसे कहते हैं ? 


उत्तर- अगर निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक हो तो उसे अनुकूल व्यापार संतुलन कहते हैं।


प्रश्न. व्यापार के घटक लिखिए। 


उत्तर- आयात तथा निर्यात व्यापार के घटक है।


प्रश्न . सड़क परिवहन की दो विशेषताएँ लिखिए । 


उत्तर- सड़क परिवहन की दो विशेषताएँ निम्न हैं- 


(1) सड़कों को बनाने में अन्य परिवहन साधन की अपेक्षा कम लागत आती है।


(2) कम वस्तुओं की ढुलाई, कम व्यक्तियों तथा कम दूरी के लिए परिवहन में सड़क परिवहन अन्य परिवहन साधन से कम खर्चीला होता है।


प्रश्न. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग की दो विशेषताएँ लिखिए।


उत्तर- स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग की दो विशेषताएँ निम्न हैं-


(1) इस महा राजमार्ग का प्रमुख उद्देश्य भारत के मेगासिटी के मध्य की दूरी व परिवहन समय को न्यूनतम करना है। 


(2) इस परियोजना के तहत दो गलियारे प्रस्तावित हैं प्रथम उत्तर दक्षिण गलियारा जो श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है तथा द्वितीय जो पूर्व-पश्चिम गलियारा जो सिलचर (असम) तथा पोरबंदर (गुजरात) को जोड़ता है। 


प्रश्न 15. रेल परिवहन की दो विशेषताएँ लिखिए। 


उत्तर- भारत में रेल परिवहन वस्तुओं तथा यात्रियों के परिवहन का प्रमुख साधन है, इसकी दो विशेषताएँ निम्न हैं-


(1) रेलवे द्वारा एक साथ बहुत से यात्रियों को यात्रा कराई जा सकती है।


(2) रेल परिवहन अपेक्षाकृत सस्ता है।


प्रश्न. कांडला पत्तन की दो विशेषताएँ लिखिए। 


उत्तर- स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् कच्छ में कांडला पहले पत्तन के रूप में विकसित किया गया। इसकी दो विशेषताएँ निम्न हैं- (1) यह एक ज्वारीय पत्तन है।


(2) यह जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व गुजरात के औद्योगिक तथा खाद्यानों के आयात- निर्यात को संचालित करता है। कांडला को दीनदयाल पत्तन के नाम से भी जाना जाता है।


प्रश्न. मारमागावो पत्तन देश का महत्वपूर्ण पत्तन क्यों है ?


उत्तर- लौह अयस्क के निर्यात के संदर्भ में मारमागाओ पत्तन देश का महत्वपूर्ण पत्तन है। यहाँ से देश के कुल निर्यात का आधा (50%) लौह अयस्क निर्यात किया जाता है।


प्रश्न. कोलकाता को एक अंतः स्थलीय नदीय पत्तन क्यों कहते हैं ?


उत्तर- कोलकाता एक अंतः स्थलीय नदीय पत्तन है। यह पत्तन गंगा - ब्रह्मपुत्र बेसिन के वृहत् व समृद्ध पृष्ठभूमि को सेवाएँ प्रदान करता है। ज्वारीय पत्तन होने के कारण तथा हुगली के तलहट जमाव से इसे नियमित रूप से साफ करना पड़ता है।


प्रश्न. डिजिटल भारत कार्यक्रम क्या है ? 


उत्तर- डिजिटल भारत ज्ञान आधारित परिवर्तन के लिए, भारत को तैयार करने के लिए एक विशाल कार्यक्रम है। डिजिटल भारत कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य IT (भारतीय प्रतिभा) + IT (सूचना प्रौद्योगिकी) =IT (कल का भारत) में होने वाले परिवर्तन को समझना है और तकनीक को केन्द्र में रखकर बदलाव लाना है।


प्रश्न. जनसंचार में कौनसे संचार के साधन सम्मिलित हैं ?


उत्तर- जनसंचार तथा निजी दूरसंचार में दूरदर्शन, रेडियो, समाचार-पत्र समूह, प्रेस तथा सिनेमा आदि देश के प्रमुख संचार साधन सम्मिलित है।


प्रश्न. संचार के साधन के रूप में दूरदर्शन की दो विशेषताएँ लिखिए। 


उत्तर- संचार के साधन के रूप में दूरदर्शन की दो विशेषताएँ

निम्न हैं-


(1) दूरदर्शन, देश का राष्ट्रीय समाचार व संदेश माध्यम है: विश्व के वृहत्तम संचार तंत्र में से एक है। तथा


(2) यह विभिन्न आयु वर्ग के व्यक्तियों हेतु मनोरंजक, ज्ञानवर्धक व खेल जगत संबंधी कार्यक्रम प्रसारित करता है। 


प्रश्न. देश की कोई दो तेल शोधन शालाओं के नाम लिखिए।


उत्तर- देश की कोई दो तेल शोधन शालाओं के नाम निम्न है- (1) सुदूर आंतरिक भागों में स्थित शोधन शालाएँ जैसे-बरौनी । (2) मथुरा व पानीपत है।


प्रश्न. विश्व की सबसे लम्बी राजमार्ग सुरंग की दो विशेषताएँ लिखिए।


उत्तर- विश्व की सबसे लम्बी राजमार्ग सुरंग 'अटल टनल' की दो विशेषताएँ है-


(1) यह सुरंग पूरे साल मनाली को लाहौर-स्पीत घाटी से जोड़ती है। 


(2) यह सुरंग हिमालय की पीरपंजाल पर्वतमाला में औसत समुद्र तल से 3,000 मी. की ऊँचाई पर अति आधुनिक सुविधाओं के साथ बनाई गई है।


प्रश्न. भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय जलमार्ग एवं उनकी लम्बाई लिखिए।


उत्तर- निम्न जलमार्गों को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है-


(1) हल्दिया तथा इलाहाबाद के मध्य गंगा जलमार्ग जो 1620 किमी. लम्बा है।


(2) सदिया व घुबरी के मध्य 891 किमी. लम्बा ब्रह्मपुत्र जलमार्ग ।


(3) केरल में पश्चिम-तटीय नहर ।


(4) काकीनाडा और पुदुच्चेरी नहर स्ट्रेच के साथ-साथ गोदावरी और कृष्णा नदी का विशेष विस्तार । 


(5) मातई नदी, महानदी के डेल्टा चैबल, ब्राह्मणी नदी और पूर्वी तटीय नहर के साथ ब्राह्मणी नदी का विस्तार।


प्रश्न. पर्यटन उद्योग के विकास हेतु अपने सुझाव लिखिए।


उत्तर- पिछले तीन दशकों में भारत में पर्यटन उद्योग में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। 150 लाख से अधिक व्यक्ति पर्यटन उद्योग में प्रत्यक्ष रूप से संलग्न है। पर्यटन राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करता है तथा स्थानीय हस्तकला व सांस्कृतिक उद्यमों को प्रक्षय देता है। पर्यटन उद्योग से हमारे राष्ट्र को विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होती है। यह उद्योग विदेशी मुद्रा अर्जित करने के मामले में सभी उद्योगों को पीछे छोड़ देता है। देश के विभिन्न भागों में पर्यटन की अपार सम्भावनाएँ है। पर्यटन उद्योग के विकास हेतु विभिन्न प्रकार के पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।


प्रश्न. इंग्लैंड का कौन सा नगर अच्छे माल की गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध हुआ?


उत्तर- लंदन। 


प्रश्न. औद्योगिक उत्पादन किसे कहते है?


उत्तर- औद्योगिक उत्पादन से आशय फैक्ट्रियों में होने वाले उत्पादन से होता है।


प्रश्न. भारतीय निर्माता के विज्ञापनों में क्या संदेश रहता था? 


उत्तर- भारतीय निर्माता के विज्ञापनों में राष्ट्रवादी संदेश रहता था।


प्रश्न. फ्लाइंग शटल का क्या अर्थ है ? उत्तर- यह रस्सियों और पुलियों के जरिए चलने वाला एक यांत्रिक औजार है, जिसका बुनाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह क्षैतिज धागे को लम्बवत् धागे में पिरो देती है। इसके अविष्कार से बुनकरों को बड़े करघे चलाना और चौड़े अरज का कपड़ा बनाने में काफी मदद मिली। 


प्रश्न. गिल्डस किसे कहा जाता था?


उत्तर- गिल्ड्स उत्पादकों के संगठन होते थे। गिल्ड्स से जुड़े उत्पादक कारीगरों को प्रशिक्षण देते थे, उत्पादकों पर नियंत्रण रखते थे, प्रतिस्पर्द्धा और मूल्य तय करते थे तथा व्यवसाय में नए लोगों को आने से रोकते थे।


प्रश्न. जमशेद जी जीजीभोये कौन थे? 


उत्तर- जमशेदजी जीजीभोय एक पारसी बुनकर के बेटे थे। अपने समय के बहुत सारे लोगों की तरह उन्होंने भी चीन के साथ व्यापार और जहाजरानी का काम किया था। उनके पास जहाजों का एक विशाल बेग था ।


प्रश्न. औद्योगिककरण किसे कहते थे? 

उत्तर- इंग्लैण्ड और यूरोप में फैक्ट्रियों की स्थापना से भी पहले ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन होने लगा था। यह उत्पादन फैक्ट्रियों में नहीं होता था। बहुत सारे इतिहासकार इस चरण को आदि या पूर्व औद्योगिकीकरण का नाम देते हैं। 


प्रश्न. ई. टी. पाल कौन थे?

उत्तर- यह एक लोकप्रिय म्यूजिक कम्पनी का प्रकाशक था, जिसने 1900 में संगीत की एक किताब प्रकाशित की थी।


प्रश्न. गुमासता के महत्वपूर्ण दो कार्य बताइए । 


उत्तर- ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा बुनकरों पर नियंत्रण रखने के लिए नियुक्त वेतन भोगी कर्मचारी को गुमास्ता कहते थे।


गुमास्ता के दो कार्य निम्न हैं- (1) बुनकरों पर निगरानी रखना । (2) माल इकट्ठा करना और कपड़ों की गुणवत्ता की जाँच। 


प्रश्न. सेठ हुकुमचंद कौन थे ?


उत्तर- सेठ हुकुमचंद 1917 में कलकत्ता में देश की पहली जूट •मिल लगाने वाले मारवाड़ी व्यवसायी ये जिन्होंने चीन के साथ व्यापार किया था।


प्रश्न. भारतीय व्यापारियों का निर्यात का नेटवर्क क्यों टूटने लगा था ?

उत्तर- बंदरगाह पर बड़े जहाज मालिक और निर्यात व्यापारियों के दलाल कम कीमत पर मोल भाव करते थे और आपूर्ति सौदागरों से माल खरीद लेते थे। 1750 के दशक तक भारतीय सौदागरों के नियंत्रण वाला यह नेटवर्क टुटने लगा था। 


प्रश्न. ब्रिटिश निर्माताओं ने विज्ञापनो की मदद से भारतीयों पर किस प्रकार कब्जा किया ?


उत्तर- औद्योगीकरण की शुरूआत से ही विज्ञापनों ने विभिन्न उत्पादों के बाजार को फैलाने में और एक नयी उपभोक्ता संस्कृति रचने में अपनी भूमिका निभाई है। ब्रिटिश निर्माताओं ने विज्ञापनों की मदद से भारतीयों पर निम्न प्रकार से कब्जा किया- (1) उत्पादों को बेचने के लिए कैलेन्डर, अखबारों व मैंगजीन का प्रयोग किया। (2) लेबलों पर भारतीय देवी- देवताओं की तस्वीर लगी रहती थी। (3) विदेश में बनी चीज भी भारतीयों को जानी पहचानी लगती थी। आदि। 


प्रश्न. जॉबर कौन थे?


उत्तर- 19वीं सदी में उद्योगपति नए मजदूरों की भर्ती के लिए पुराने और विश्वास कर्मचारी रखते थे जिसे जाबर कहते थे ?


प्रश्न. स्टेपलर, फुलर का क्या अर्थ है ? 


उत्तर- स्टेपलर- ऐसा व्यक्ति जो रेशों के हिसाब से ऊन को स्टेपल करता है या छाँटता है। फुलर- ऐसा व्यक्ति जो 'फुल करता है यानी चुन्नटों के सहारे कपड़े को समेटता है।


प्रश्न. इंग्लैंड के सबसे फलते-फूलते दो उद्योग कौन-कौन से थे?


उत्तर- सूती उद्योग और कपास उद्योग ।


प्रश्न. इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति क्यों हुई?


उत्तर- अनुकूल जलवायु कोयला तथा लौहे की उपलब्धता तथा आंतरिक भागों तक पहुँच हेतु नदियों की उपलब्धता आदि कुछ ऐसे कारण ये जिन्होंने इंग्लैण्ड में औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया। इंग्लैंड में 18वीं शताब्दी के पश्चात् लौहे तथा कोयला के उत्पादन में भारी वृद्धि हुई जिसने औद्योगिक क्रांति की शुरूआत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 


प्रश्न. लेबल से क्या तात्पर्य है?


उत्तर- लेबल चीजों को गुणवत्ता का प्रतीक था । इससे खरीददारों को कम्पनी का नाम व उत्पादन की जगह पता चल जाता था।


प्रश्न. मुद्रा के प्रयोग से वस्तुओं के विनिमय में सहूलियत कैसे आती है ?


उत्तर- वस्तु विनिमय प्रणाली में जहाँ वस्तुएँ मुद्रा के प्रयोग के बिना सीधे आदान-प्रदान की जाती है, वहाँ आवश्यकताओं का दोहरा संयोग एक आवश्यक शर्त होती है। विनिमय के एक माध्यम के रूप में मुद्रा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की आवश्यकता और वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों को दूर करता है। इस प्रकार, मुद्रा के प्रयोग से वस्तुओं के विनिमय में सहूलियत आती है।


प्रश्न. मुद्रा के आधुनिक रूप कौन-कौन से हैं ? 


उत्तर- मुद्रा के आधुनिक रूप करेंसी और जमा-कागज के नोट और सिक्के शामिल हैं। 


प्रश्न. बैंकों की आय के प्रमुख स्रोत कौन-से हैं ?


उत्तर- कर्जदारों से लिए गए ब्याज और जमाकर्त्ताओं को दिये उत्तर- गये ब्याज के बीच का अंतर बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत है। 


प्रश्न. ऋण के औपचारिक स्रोत कौन-कौन से है ? उत्तर- बैंक एवं सहकारी समितियाँ औपचारिक ऋण के प्रमुख स्रोत हैं।


प्रश्न. विमुद्रीकरण से क्या आशय है ? समझाइए ।


उत्तर- भारत में नवम्बर 2016 में 500 और 1000 रुपये के करेंसी नोटों को अमान्य घोषित कर दिया गया। लोगों से कहा गया कि वे इन नोटों को एक निश्चित अवधि तक बैंकों में जमा 'दें और बदले में 500 तथा 2000 रु. के नये नोट प्राप्त कर कर लें, इस प्रक्रिया को 'विमुद्रीकरण' कहते हैं।



प्रश्न. मुद्रा के तीन कार्य लिखिए।


उत्तर- मुद्रा के तीन कार्य निम्न हैं- भुगतान का आधार ।


(1) विनिमय का माध्यम, (2) मूल्य का मापक, (3) भावी


प्रश्न. आवश्यकताओं के दोहरे संयोग को समझाइए। 


उत्तर- वह स्थिति जहाँ एक व्यक्ति जो वस्तु बेचने की इच्छा रखता है, वही दूसरा व्यक्ति खरीदने की भी इच्छा रखता हो, अतः दोनों पक्ष एक दूसरे से चीजें खरीदने और बेचने पर सहमति रखते हों इसे 'आवश्यकताओं का दोहरा संयोग' कहते हैं। 


प्रश्न. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के तीन कार्य लिखिए। 


उत्तर- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश का राष्ट्रीय बैंक होता है, यह अन्य बैंकों से भिन्न होता है। यह निम्न प्रकार से कार्य करता है-


(1) भारतीय रिजर्व बैंक ऋणों के औपचारिक स्रोतों की कार्यप्रणाली पर नजर रखता है।


(2) यह अन्य बैंकों पर भी नजर रखता है कि बैंक केवल लाभ अर्जित करने वाले व्यापारियों और व्यावसायियों को ही ऋण मुहैया नहीं रा रहे हो, बल्कि छोटे किसानों, कर्जदारों आदि को भी ऋण दे रहे हों।


(3) RBI सरकार के वित्तीय प्रतिनिधि के रूप में भी कार्य करता है।


प्रश्न. समर्थक ऋणाधार से क्या आशय है ? समझाइए । 


उत्तर- समर्थक ऋणाधार ऐसी सम्पत्ति है, जिसका मालिक कर्जदार है (जैसे कि भूमि, इमारत, गाड़ी, पशु बैंकों में पूँजी आदि) और इसका इस्तेमाल वह उधारदाता को गारंटी देने के रूप में करता है, जब तक कि ऋण का भुगतान नहीं हो जाता। यदि कर्जदार उधार वापस नहीं कर पाता, तो उधारदाता को भुगतान प्राप्ति के लिए सम्पत्ति या समर्थक ऋणाधार बेचने का अधिकार होता है।


प्रश्न. औपचारिक क्षेत्रक से प्राप्त ऋण की विशेषताएँ लिखिए।


उत्तर- औपचारिक ऋण क्षेत्रक के अंतर्गत बैंक व सहकारी समितियाँ सम्मिलित है इसकी विशेषताएँ निम्न हैं- (1) भारतीय रिजर्व बैंक ऋण के औपचारिक स्रोतों के काम-काज पर नजर रखता है। (2) ये अनुचित शर्त नहीं लगाते हैं। (3) सरकारी नियमों और विनियमों के अनुसार ऋण दिया जाता है। 


प्रश्न. स्वयं सहायता समूह के तीन कार्य लिखिए।


उत्तर- स्वयं सहायता समूह के तीन कार्य निम्न हैं- (1) स्वयं सहायता समूह कर्जदारों को ऋणधार की कमी की समस्या से उबारने में मदद करते हैं। (2) कम ब्याज दर पर / ऋण उपलब्ध करवाते हैं। (3) यह समूह ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों को संगठित करने में मदद करते हैं।


प्रश्न. ऋण के दो सकारात्मक प्रभाव लिखिए। 


उत्तर- ऋण के सकारात्मक प्रभाव है-


(1) एक स्थिति में ऋण आय बढ़ाने में सहयोग प्रदान करता है। (2) ऋण उत्पादन के कार्यशील खर्चों तथा उत्पादन को समय पर पूरा करने में मदद करता है।


प्रश्न. ग्रामीण बैंक के संस्थापक कौन है एवं इन्हें कौन से पुरस्कार से सम्मानित किया गया ?


उत्तर- ग्रामीण बैंक के संस्थापक प्रो. मोहम्मद युनूस थे एवं उन्हें 2006 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।


प्रश्न. अतिरिक्त मुद्रा वाले लोगों और जरूरतमंद लोगों के बीच बैंक किस तरह मध्यस्थता करते हैं ? 


उत्तर- वे लोग जिनके पास अतिरिक्त मुद्रा होती है, वे बैंक में पैसा जमा करते हैं बैंक उन्हें ब्याज देती है। आवश्यकता पड़ने पर वे पैसा निकाल भी सकते हैं। बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें बैंक से कर्ज लेना पड़ता है। बैंक उन व्यक्तियों को कर्ज देती है साथ ही उनसे ब्याज भी वसूल करती है। इस प्रकार बैंक दोनों प्रकार के लोगों के बीच मध्यस्थता करती है।


प्रश्न. ऋण की शर्तों का वर्णन कीजिए। 


उत्तर- ब्याज दर, समर्थक ऋणाधार, आवश्यक कागजात और भुगतान के तरीके को सम्मिलित रूप से 'ऋण की शर्तें' कहा जाता है। ऋण की शर्तों में एक ऋण व्यवस्था से दूसरी ऋण व्यवस्था में काफी फर्क आ जाता है। कर्ज की शर्तें उधारदाता और कर्जदार की प्रकृति पर भी निर्भर करती है।


प्रश्न. माँग जमा को मुद्रा क्यों समझा जाता है ? 


उत्तर- क्योंकि माँग जमा व्यापक स्तर पर भुगतान का जरिया स्वीकार किए जाते हैं, इसलिए आधुनिक अर्थव्यवस्था में करेंसी के साथ-साथ इसे भी मुद्रा समझा जाता है।


प्रश्न. चैक द्वारा भुगतान कैसे होता है ? 


उत्तर- चैक से भुगतान के लिए भुगतानकर्त्ता, जिसका किसी बैंक में खाता है, एक निश्चित रकम के लिए चैक काटता है। चैक एक ऐसा कागज है, जो बैंक को किसी व्यक्ति के खाते से चैक पर लिखे नाम के किसी दूसरे वय्क्ति एक खात रकम का भुगतान करने का आदेश देता हैं। माँग जमा के बदले चैक लिखने की सुविधा से बिना नकद का इस्तेमाल किये सीधा भुगतान करना सम्भव होता है।


प्रश्न. विकास में ऋण की भूमिका को समझाइए । 


उत्तर- आर्थिक गतिविधियों में उत्पादन, कृषि, व्यापार आदि कार्यों के लिए ऋण की आवश्यकता होती है। उधारदाता कर्जदार को उसकी साख के आधार पर ऋण उपलब्ध कराता है। जिसे कर्जदार को समय पर ऋण चुकाना पड़ता है। ऋण से कर्जदार का काज आसान हो जाता है, वह अपना उत्पादन कार्य प्रारंभ कर सकता है। इस प्रकार विकास में ऋण की यह एक सारात्मक भूमिका है ।


प्रश्न. भारतीय रिजर्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर किस तरह नजर रखता है ? यह जरूरी क्यों है ? 


उत्तर- भारतीय रिजर्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर निम्न प्रकार से नजर रखता है-


(1) व्यावसायिक बैंकों को अपने नकद रिजर्वों का एक भाग भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखना आवश्यक होता है। बैंक जनता से जो जमा प्राप्त करते हैं, उनमें से एक न्यूनतम नकद शेष रखते हैं।


(2) भारतीय रिजर्व बैंक यह भी नजर रखता है कि बैंक न केवल लाभ कमाने वाले व्यवसायों और व्यापारियों को बल्कि चोटे किसानों, लघु उद्यमियों, छोटे कर्जदारों आदि को भी ऋण प्रदान करें।


(3) समय-समय पर बैंकों को आर.बी.आई. को यह जानकारी भी देनी पड़ती है कि वे कितना और किन को ऋण दे रहे हैं और उनकी ब्याज की दरें क्या हैं ?


यह विशेषकर छोटे जमाकर्त्ताओं, किसानों, लघु उद्यमियों, छोटे कर्जदारों आदि को संरक्षण देने के लिए जरूरी है। 


प्रश्न. बैंकों में निक्षेप किस प्रकार किया जाता है ? यह लोगों के लिए किस प्रकार उपयोगी है ?


उत्तर- लोग अतिरिक्त नगद को बैंकों में जमा करते हैं। बैंक इस जमा राशि पर सूद देते हैं। इस तरह लोगों का धन बैंकों के पास सुरक्षित रहता है, इस प्रकार लोग अपनी राशि को बैंकों में निक्षेप करते हैं। जमा की गई राशि के एक बड़े भाग को बैंक ऋण देने के लिए इस्तेमाल करती है, जिससे लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलती है। 


प्रश्न. बैंकों में जमाओं को प्रोत्साहित करने के नए तरीके क्या हैं ?


उत्तर- बैंकों में जमाओं को प्रोत्साहित करने के लिए बैंक से बैंक हस्तांतरण, इंटरनेट मोबाइल फोन, चैक, ए.टी.एम. कार्ड, दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन द्वारा नकदी रहित लेनदेन विधियाँ उपयोग में लायी जा रही है। 


प्रश्न. क्या कारण है कि बैंक कुछ कर्जदारों को कर्ज देने के लिए तैयार नहीं होता है? 


उत्तर- बैंक कुछ कर्जदारों को कर्ज देने के लिए तैयार नहीं होते हैं। इसके निम्न कारण हैं-


(1) बैंक उन गरीबों को ऋण देना नहीं चाहते, जिनके पास समर्थक ऋणाधार नहीं होती हैं। बैंक ऋण के लिए उचित कागजात और ऋणों के विरूद्ध गारंटी के रूप में समर्थक ऋणाधार की आवश्यकता होती है। इसका कारण है कि बैंक ऋणियों को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते। यदि ऋणी ऋण नहीं चुका पाता है तो ऋणदाता को भुगतान प्राप्त करने के लिए समर्थक ऋणाधार को बेचने का अधिकार होता है। 


(2) जिन कर्जदारों ने अपने पुराने कर्ज का भुगतान नहीं किया है, बैंक उन्हें पुनः कर्ज देने के लिए तैयार नहीं होते। 


(3) बैंक उन उद्यमियों को 'कर्ज देने के लिए तैयार नहीं होते जो अधिक जोखिम वाले व्यवसायों में निवेश करना चाहते हैं। 


प्रश्न. साख की विभिन्नि स्थितियों को उदाहरण सहित समझाइए ।


उत्तर- साख या ऋण से तात्पर्य एक सहमति से है जहाँ साहूकार कर्जदार को धन, वस्तुएँ या सेवाएँ मुहैया कराता है और बदले में भविष्य में कर्जदार से भुगतान करने का वादा लेता है। उदाहरण- जूता निर्माता अमित के पास एक बड़े व्यापारी से 3000 जोड़ी जूते की माँग आती हैं, उसे इतना बड़ा उत्पादन पूर्ण करने के लिए पूँजी की आवश्यकता होती है, अमित उत्पादन के लिए कार्यशील पूँजी की जरूरत को ऋण के द्वारा पूरा करता है। ऋण उसे उत्पादन के कार्यशील खर्चों तथा उत्पादन को समय पर पूरा करने में मदद करता है और वह अपनी कमाई बढ़ा पाता है। इस प्रकार ऋण एक महत्वपूर्ण तथा सकारात्मक भूमिका अदा करता है।


कर्ज जाल - ग्रामीण क्षेत्रों में साख की मुख्य माँग फसल उगाने के लिए होती है। आमतौर पर किसान ऋतु के आरम्भ में फसल उगाने के लिए उधार लेते हैं और फसल तैयार होने के बाद वापस कर देते हैं। उधार की अदायगी मुख्यतः फसल की कमाई पर निर्भर है। यदि फसल बर्बाद हो जाती है तो ऋण व्यक्ति कर्ज जाल में फंस जाता है।


एक स्थिति में ऋण आय बढ़ाने में सहयोग करता है, जिससे व्यक्ति की स्थिति बेहतर हो जाती है तो दूसरी स्थिति में, फसल बर्बाद होने के कारण ऋण व्यक्ति को अपने जाल में फँसा देता है।


प्रश्न. स्वयं सहायता समूह किस प्रकार कार्य करते हैं ? समझाइए ।


उत्तर- स्व-सहायता समूह निर्धन व्यक्तियों को एक स्वैच्छिक संगठन है। इसमें 15.20 सदस्य होते हैं जो नियमित रूप से मिलते हैं एवं बचत करते हैं। यह बचत 25 रु. से लेकर 100 रु. या अधिक भी हो सकती है। एक या दो वर्षों के बाद आगर समूह नियमित रूप से बचत करता है तो समूह बैंक से ऋण लेने के योग्य हो जाता है। ऋण समूह के नाम पर दिया जाता है। सदस्य अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए छोटे कर्ज समूह से ही कर्ज ले सकते हैं। समूह इन कर्जों पर ब्याज लेता है जो साहूकार द्वारा लिए जाने वाले ब्याज से कम होता है। समूह का उद्देश्य स्वरोजगार के अवसरों का सृजन करना है। 


प्रश्न. अनौपचारिक स्रोतों पर ग्रामीण लोगों की


निर्भरता के कारणों को लिखिए। (कोई तीन) उत्तर- अनौपचारिक क्षेत्रक में ऋणदाताओं की गतिविधियों की देखरेख करने वाली कोई संस्था नहीं है। वे ऐच्छिक दरों पर ऋण दे सकते हैं। उन्हें नाजायज तरीकों से अपने पैसे वापस लेने से रोकने वाला कोई नहीं है। ऋणदाता कहीं अधिक ब्याज वसूलते हैं, जिससे ऋण कर्जदाता को अधिक महँगा पड़ता है और कई बार ऋण चुकाने में असम्भव होने पर वह ऋण जाल में फंसता चला जाता है। जिससे वह और निर्धन होते. जाता है।


प्रश्न. प्रारम्भिक काल एवं वर्तमान मुद्रा की तुलना कीजिए। किससे भुगतान करना आसान है ? 


उत्तर- प्रारम्भिक काल में मुद्रा का प्रचलन इतना व्यापक नहीं था। अधिकतर लेन-देन वस्तु विनिमय प्रणाली द्वारा ही होता था, किन्तु वर्तमान समय में मुद्रा का प्रचलन बहुत अधिक है। मुद्रा के आधुनिक रूपों में करेंसी- 1-कागज के नोट और सिक्के शामिल हैं। वर्तमान में मुद्रा के आधुनिक रूपों से भुगतान करना बहुत आसान है।


प्रश्न. वस्तु विनिमय की सीमाएँ कौन-सी हैं ?


उत्तर- वस्तु विनिमय प्रणाली में मुद्रा के बिना प्रत्यक्ष रूप वस्तुओं का वस्तुओं के लिए लेन-देन वस्तु विनिमय प्रणाली 'कहलाती है, अतः इस प्रणाली में वस्तुओं के बदले वस्तुएँ ही खरीदी जा सकती है। जैसे- गेहूँ के बदले कपड़े प्राप्त करना आदि ।


प्रश्न. मुद्रा के प्रयोग में आने से वस्तुओं को खरीदना आसान हुआ है ? समझाइए ।


उत्तर- मुद्रा विनिमय का माध्यम है। मुद्रा के प्रचलन से वस्तु . विनिमय के दोहरे संयोग को दूर किया है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी वस्तु के बदले मुद्रा प्राप्त करता है और फिर उस मुद्रा से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। इस प्रकार मुद्रा के प्रयोग में आने से वस्तुओं को खरीदना आसान हो गया है।


प्रश्न. हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने की जरूरत क्यों है ?


उत्तर- ऋण के दो स्रोत होते हैं- औपचारिक एवं अनौपचारिक। औपचारिक में बैंक, सहकारी समिति आते हैं। और अनौपचारिक में साहूकार, ये आते हैं। अनौपचारिक स्रोतों से ऋण तो आसानी से मिल जाता है, किन्तु ब्याज दर उच्च होती है, जिससे व्यक्ति अधिक कर्ज में डूबता चला जाता है जबकि औपचारिक स्रोत कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराते हैं। अतः औपचारिक स्रोत बढ़ाने की आवश्यकता है।


प्रश्न. बैंकों के ऋण संबंधी क्रियाओं को समझाइए । 


उत्तर- लोग मुद्रा बैंकों में निक्षेप के रूप में भी रखते हैं। बैंक ये जमा स्वीकार करते हैं और इस पर सूद भी देते हैं। लोगों को अपनी आवश्यकता के अनुसार इसमें से धन निकालने की सुविधा भी उपलब्ध होती है। बैंक जमा रकम का 15% हिस्सा नकद के रूप में अपने पास रखता है एवं एक बड़े भाग को ऋण देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। बैंक जमा राशि का लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। - बैंक जमा पर जो ब्याज देते हैं, उससे ज्यादा ब्याज ऋण पर लेते हैं।


प्रश्न. विदेशी निवेश किसे कहते हैं ?


उत्तर- अधिक लाभ कमाने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा


किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं।


प्रश्न. दो बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के नाम लिखिए। 


उत्तर- टाटा मोटर्स व इंफोसिस दो बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ है। 


प्रश्न. अतीत में देशों को जोड़ने का मुख्य माध्यम क्या था ?


उत्तर- अतीत में देशों को जोड़ने का मुख्य माध्यम व्यापार ही था।


प्रश्न. वैश्वीकरण से क्या तात्पर्य है ?


उत्तर- विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण कहलाती है।


प्रश्न. उदारीकरण से क्या तात्पर्य है ? 


उत्तर- सरकार द्वारा अवरोधों और प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहा जाता है। 


प्रश्न. स्वतंत्रता के पश्चात् भारत सरकार ने किस पर प्रतिबंध लगा दिया था ?


उत्तर- स्वतंत्रता के पश्चात् भारत सरकार ने विदेशी व्यापार एवं

विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगा रखा था।


प्रश्न. व्यापार अवरोधक से क्या तात्पर्य है ?


उत्तर- सरकार व्यापार अवरोधक का प्रयोग विदेशी व्यापार में

वृद्धि या कटौती के लिए करती है। 


प्रश्न. एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी किस स्थान पर अपना उत्पादन इकाई स्थापित करती है ?


उत्तर- सामान्यतः बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ उसी स्थान पर उत्पादन इकाई स्थापित करती है जो बाजार के नजदीक हो, जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हो और जहाँ उत्पादन के अन्य कारकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। 


प्रश्न. विभिन्न देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य माध्यम क्या रहा है ?


उत्तर- अतीत से ही विभिन्न देशों को जोड़ने का माध्यम व्यापार रहा है


प्रश्न. विश्व व्यापार संगठन क्या है ? 


उत्तर- विश्व व्यापार संगठन एक ऐसा संगठन है, जिसका ध्येय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है और यह देखता है कि इन नियमों का पालन हो। विश्व के लगभग 160 देश विश्व व्यापार संगठन के सदस्य है।


प्रश्न. वैश्वीकरण को बढ़ावा देने वाले कारक कौन-कौन से हैं ?


उत्तर- वैश्वीकरण को बढ़ावा देने वाले कारक तकनीक, प्रतियोगिता, बाजार का विस्तार, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का विस्तार एवं उदारीकरण की प्रक्रिया आदि है। प्रश्न 12. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने किस क्षेत्रों में सबसे ज्यादा निवेश किया है ?


उत्तर- बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ ने ऐसे क्षेत्रों में निवेश करती है जो

उनके उत्पादन के लिए सस्ते हों।


प्रश्न. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से आप क्या समझते हैं ? उत्तर- ऐसी कम्पनी जो एक से अधिक देशों में व्यापार- व्यवसाय स्थापित करने के लिए स्थापित की जाती है, उन्हें बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ कहते हैं। 


प्रश्न. वैश्वीकरण से किस उपभोक्ता वर्ग को अधिक लाभ हुआ है ?


उत्तर- वैश्वीकरण और उत्पादकों स्थानीय एवं विदेशी दोनों के बीच वृहतर प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ताओं, विशेषकर शहरी क्षेत्र में घनी वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। 


प्रश्न. किन उद्योगों का वैश्वीकरण पर बुरा प्रभाव पड़ा है ?


उत्तर- वैश्वीकरण से बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों और कर्मचारियों को कई चुनौतियाँ का सामना करना पड़ा है। बैटरी, प्लास्टिक, खिलौने, टायर, डेयरी उत्पाद एवं खाद्य तेल के उद्योग के कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जहाँ प्रतिस्पर्धा के कारण छोटे निर्माता टिक नहीं सके। कई इकाइयाँ बंद हो गई। जिसके चलते अनेक श्रमिक बेरोजगार हो गए। वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्धा के दबाव ने श्रमिकों के जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित किया। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण श्रमिकों का रोजगार लम्बे समय के लिए सुनिश्चित नहीं रहा। 


प्रश्न. श्रम कानूनों में लचीलापन कम्पनियों को कैसे मदद करेगा ? 


उत्तर- श्रम कानूनों में लचीलापन कम्पनियों को महत्वपूर्ण मदद् देगा। श्रम कानूनी में लचीलापन से बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ किसी देश में निवेश करेगी, जिससे नए उद्योग स्थापित होंगे, नए रोजगारों का सृजन होगा तथा साथ ही इन उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली स्थानीय कम्पनियाँ का विस्तार होगा और उत्पादन प्रक्रिया का आधुनिकीकरण भी होगा। श्रम कानूनों में लचीलापन के बाद अनेक भारतीय कम्पनियों को लाभ हुआ। इन कम्पनियों ने अपने उत्पादक मानकों को ऊँचा उठाया। कुछ ने विदेशी कम्पनियों के साथ सफलतापूर्वक सहयोग करके लाभ अर्जित किया।


प्रश्न. विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार मदद करता है ?


उत्तर- विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में निम्नलिखित प्रकार से मदद करता है। विदेशी व्यापार के कारण घरेलू उत्पादकों को अन्य देशों के बाजारों में पहुँचने का अवसर मिलता है। इससे उत्पादक अपने देश के बाजारों के साथ-साथ विश्व के बाजारों से भी प्रतियोगिता कर सकता है। ग्राहकों को विदेशी व्यापार के कारण सबसे अधिक लाभ रहता है। अब उन्हें विभिन्न प्रकार की चीजें अपने देश में ही उपलब्ध होने लगती हैं।

उदाहरण के लिए भारतीय कम्प्यूटर बाजार में विदेशी कम्पनियों के प्रवेश से भारतीय तथा विदेशी कम्पनियों में प्रतिस्पर्धा होगी। यदि विदेशी कम्पनियों के कम्प्यूटर बेहतर साबित होंगे तो भारतीय उपभोक्ता के सामने अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। भारतीय कम्पनियाँ भी अपने हानि को कम करने के लिए अपने उत्पाद की गुणवत्ता और कीमतों में सुधार करेंगी अन्यथा वे. प्रतियोगिता से बाहर हो जाएँगी।


प्रश्न. वैश्वीकरण का छोटे उत्पादकों पर क्या प्रभाव पड़ा है?


उत्तर- वैश्वीकरण का छोटे उत्पादकों और श्रमिकों पर एक सा प्रभाव नहीं पड़ा। वैश्वीकरण ने बड़ी संख्या में छोटे उत्पादको और श्रमिकों के लिए बड़ी चुनौतियाँ खड़ी कर दी है। का रोजगार अब सुनिश्चित नहीं है। प्रतिस्पर्धा के कारण छोटे विनिर्माताओं पर कड़ी मार पड़ी है। कई इकाइयाँ बंद हो गई है, जिसके चलते अनेक श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं।


प्रश्न. न्याय संगत वैश्वीकरण से क्या तात्पर्य है ?


उत्तर- वैश्वीकरण सभी के लिए लाभप्रद नहीं रहा है। न्यायसंगत वैश्वीकरण सभी के लिए अवसर प्रदान करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वैश्वीकरण के लाभों में सबकी बेहतर हिस्सेदारी हो ।


प्रश्न. किसी देश द्वारा व्यापार अवरोधक का उपयोग क्यों और कैसे किया जाता है ?


उत्तर- आयात पर कर, व्यापार अवरोधक का एक उदाहरण है। इसे अवरोधक इसलिए कहा गया है, क्योंकि यह कुछ प्रतिबंध लगाता है। देश की सरकारें व्यापार अवरोधक का प्रयोग विदेश व्यापार में वृद्धि या कटौती करने और देश में किस प्रकार की वस्तुएँ कितनी मात्रा में आयातित होनी चाहिए, यह निर्णय करने के लिए कर सकती है।


प्रश्न. वह कौन से तरीके हैं जिनके द्वारा देशों को परस्पर संबंधित किया जा सकता है ?


उत्तर- वस्तुओं, सेवाओं, निवेशों और प्रौद्योगिकी के अतिरिक्त विभिन्न देशो को आपस में जोड़ने का एक और माध्यम है विभिन्न देशों के बीच लोगों का आवागमन। इससे विभिन्न देशों को परस्पर संबंधित करने में मदद मिलती है। 


प्रश्न. विदेशी व्यापार व विदेशी निवेश में अंतर स्पष्ट कीजिए ।


उत्तर- विदेशी व्यापार- इसका अर्थ विदेशों से वस्तुओं को खरीदना और बेचना है। यह उत्पादकों को घरेलू बाजारों के बाहर पहुँचने का अवसर प्रदान करता है। विदेशी निवेश- अधिक लाभ कमाने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा किए गए निवेशकों विदेशी निवेश कहते हैं।


प्रश्न. बहुराष्ट्रीय कम्पनी अपने उत्पाद की उत्पादन लागत कम बनाए रखने के लिए किस प्रकार प्रबंध करते हैं ? 


उत्तर- बहुराष्ट्रीय कम्पनियां अपने उत्पाद की उत्पादन लागत कम बनाये रखने के लिए वह उन प्रदेशों में कार्यालय तथा कारखाने स्थापित करती है, जहाँ उन्हें सस्ता श्रम एवं अन्य संसाधन मिल सकते हैं।


प्रश्न. विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए तीन कदमों की व्याख्या कीजिए । 


उत्तर- हाल के वर्षों में भारत की केन्द्र एवं राज्य सहरकारें भारत में निवेश हेतु विदेशी कम्पनियों को आकर्षित करने के लिए विशेष कदम उठा रही है- (1) विशेष आर्थिक क्षेत्र में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने वाली कम्पनियों को आरम्भिक 5 वर्षोंतक कोई कर नहीं देना पड़ता है। (2) विदेशी निवेश आकर्षित करने हेतु सरकार ने श्रम कानूनों में लचीलापन लाने की अनुमति दे दी है। (3) औद्योगिक क्षेत्रों, जिन्हें विशेष आर्थिक क्षेत्र कहा जाता है, की स्थापना की जा रही है। विशेष आर्थिक क्षेत्रों में विश्व स्तरीय सुविधाएँ- बिजली, पानी, सड़क, परिवहन, मनोरंजन आदि सुविधाएँ उपलब्ध होनी चाहिए। प्रश्न 26. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से आप क्या समझते हैं? एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी किस प्रकार अपना कार्य करती है ? उत्तर- एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी वह है जो एक से अधिक राष्ट्रों में उत्पादन करती है। ये कम्पनियाँ बड़े पैमाने पर उत्पादन करती है और उत्पादित वस्तुओं को अनेक राष्ट्रों में बेचती है। सामान्यतः बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ उसी स्थान पर उत्पादन इकाई स्थापित करती है जो बाजार के नजदीक हो, जहां कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हो और जहाँ उत्पादन के अन्य कारकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इन परिस्थितियों को सुनिश्चित करने के बाद ही बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ इन देशों की स्थानीय कम्पनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती है। संयुक्त उत्पादन से स्थानीय कम्पनी को दोहरा लाभ होता है।


प्रश्न. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ किस प्रकार से उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित कर सकते हैं ?


उत्तर- बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ वे कम्पनियां हैं जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण अथवा स्वामित्व रखती हैं। ये कम्पनियाँ उन देशों में अपने कारखाने स्थापित करती हैं जहाँ उन्हें सस्ता श्रम एवं अन्य साधन मिल सकते हैं। जहाँ सरकारी नीतियाँ भी उनके अनुकूल हों। बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ इन देशों की स्थानीय कम्पनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती है, लेकिन अधिकांशतः बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ स्थानीय कम्पनियों को खरीदकर उत्पादन का प्रसार करती है। जैसे- एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कम्पनी 'कारगिल फूड्स' ने अत्यंत छोटी भारतीय कम्पनी 'परख फूड्स' को खरीद लिया है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ एक अन्य तरीके से उत्पादन नियंत्रित करती है। विकसित देशों में बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ छोटे उत्पादकों को उत्पादन का आदेश देती है। वस्त्र, जूते-चप्पल एवं खेल के सामान ऐसे उद्योग हैं, जिनका विश्वभर में बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों द्वारा उत्पादन किया जाता है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को इनकी आपूर्ति कर दी जाती है, जो अपने ब्रांड नाम से इसे ग्राहकों को बेचती है। 


प्रश्न. अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कम्पनियां कारगिक फूड्स भारत में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा उत्पादक कैसे बना ? लिखिए।


उत्तर- बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के निवेश का सबसे आम रास्ता स्थानीय कम्पनियों को खरीदना और उसके बाद उत्पादन का

प्रसार करना है। अपार सम्पदा वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियां यह सरलता से कर सकती है। उदा., एक बहुत बड़ी अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कम्पनी कारगिल फूड्स ने परख फूड्स जैसी छोटी भारतीय कम्पनियों को खरीद लिया। परख फूड्स ने भारत के विभिन्न भागों में एक बड़ा विपणन तंत्र तैयार किया था, जहाँ उसके ब्राण्ड काफी प्रसिद्ध थे। परख फूड्स के चार तेल शोधक केन्द्र भी थे, जिस पर अब कारगिल का नियंत्रण हो गया है। अब कारगिल 50 लाख पैकेट प्रतिदिन निर्माण क्षमता के साथ भारत में खाद्य तेलों की सबसे बड़ी उत्पादक कम्पनी है। 


प्रश्न. भारत के बाजार पर चीनी खिलौनों के प्रभाव को

उदाहरण द्वारा समझाइए । 


उत्तर- व्यापार के कारण चीनी खिलौने भारत के बाजारों में आए। भारतीय और चीनी खिलौनों की प्रतिस्पर्धा में चीनी खिलौने बेहतर साबित हुए। भारतीय खरीददारों के समक्ष कम कीमत पर खिलौनों के अपेक्षाकृत अधिक विकल्प है। इससे चीन के खिलौना निर्माताओं को अपना व्यवसाय फैलाने के लिए अवसर प्राप्त होता है। इसके विपरीत, भारतीय खिलौना निर्माताओं को हानि होती है, क्योंकि उनके खिलौने कम बिकते हैं। एक वर्ष में ही खिलौने की 70, 80 प्रतिशत दुकानों में भारतीय खिलौनों का स्थान चीनी खिलौनों ने ले लिया है।


प्रश्न. वैश्वीकरण की प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की क्या भूमिका है ? 


उत्तर- बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ वैश्वीकरण प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका अदा करती है- (1) बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अन्य देशों में अपने उत्पादन का विस्तार कर रही है, इस प्रकार वे इन देशों में विदेशी निवेश लाती है। (2) विदेश व्यापार का एक बहुत बड़ा भाग बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के नियंत्रण में होता है। अधिकांश बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के कार्यकलापों के अन्तर्गत वस्तुओं एवं सेवाओं का व्यापक व्यापार होता है। (3) वे अपने साथ नयी और उन्नत प्रौद्योगिकी लाती है। 


प्रश्न. वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है इस कथन को समझाइए ।


उत्तर- विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्रल एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है। वैश्वीकरण का विश्व के सभी देशों पर गहरा प्रभाव पड़ा, किन्तु यह प्रभाव एक समान नहीं है। स्थानीय एवं विदेशी उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धाओं में धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इन उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से अधिक विकल्प हैं और वे अनेक उत्पादों की उत्कृष्टता, गुणवत्ता और कम कीमत से लाभान्वित हो रहे हैं। परिणामतः ये लोग पहले की अपेक्षा एक उच्चतर जीवन स्तर का उपभोग कर रहे हैं।



प्रश्न. कंटेनर क्या है ? इसकी उपयोगिता बताइए। उत्तर- वस्तुओं को कंटेनरों में रखा जाता है, जिससे इन्हें जहाजों, रेलों, वायुयानों एवं ट्रकों पर बिना क्षति के लादा जा सके। कंटेनरों से ढुलाई लागत में भारी बचत हुई है और माल को बाजारों तक पहुँचाने की गति में वृद्धि हुई है। इसी प्रकार वायु यातायात की लागत में गिरावट आयी है। परिणामतः वायुमार्ग से अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में वस्तुओं का परिवहन सम्भव हुआ है।


प्रश्न. वैश्वीकरण की प्रक्रिया में सहायक कारकों का वर्णन कीजिए।


उत्तर- वैश्वीकरण की प्रक्रिया में सहायक कारक निम्न हैं- 


1. तकनीक - पिछले 5 दशकों में तकनीक ज्ञान का तेजी से विकास हुआ है। परिवहन प्रौद्योगिकी ने अब लम्बी दूरियों तक वस्तुओं को कम लागत पर भेजना सम्भव बनाया है। संचार उपग्रहों ने सुविधाओं का विस्तार कर क्रांतिकारी परिवर्तन कर दिया है, जिससे वैश्वीकरण का तेजी से विस्तार हुआ है।


2. प्रतियोगिता- पूँजीवादी आर्थिक प्रणाली में प्रतियोगिता का विशेष महत्व होता है।


3. बाजार का विस्तार- प्रौद्योगिकी के विकास से उत्पादनों की किस्म एवं गुणवत्ता में सुधार हुआ है। फलतः नई-नई वस्तुओं का उत्पादन सम्भव हुआ है, जिससे बाजारों का विस्तार हुआ है।


4. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का विस्तार- बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ केवल वैश्विक स्तर पर ही अपने उत्पादन नहीं बेचती वरन् अधिक महत्वपूर्ण यह है कि वे वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन विश्व स्तर पर करती है।


5. उदारीकरण की प्रक्रिया- उदारीकरण की प्रक्रिया से वैश्वीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहन मिला है। 


प्रश्न 34. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से क्या तात्पर्य है ? वर्तमान में मानव पर इसके तीन प्रभावों को समझाइए । 


उत्तर- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी जिसे संक्षेप में 'आई.टी. कहा जाता है, ने विभिन्न देशों के बीच सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में मुख्य भूमिका निभायी है। वर्तमान समय में दूरसंचार, कम्प्यूटर और इंटरनेट के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी द्रुतगति से परिवर्तित हो रही है। वर्तमान में मानव जीवन पर इसके प्रभाव निम्न रूप में देखे जा सकते हैं-


(1) किसी भी प्रकार की सूचना या जानकारी कुछ ही समय में प्राप्त कर सकते हैं।

(2) इंटरनेट से हम तत्काल इलेक्ट्रॉनिक डाक भेज सकते हैं क अत्यन्त कम मूल्य पर विश्वभर में बात कर सकते हैं। (3) वर्तमान में घर पर रहते हुए ही बड़े से बड़ा व्यापार व कार्य आसानी से किया जा रहा है। आदि।




लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न. पारिस्थितिक तंत्र क्या है ? वन पारिस्थितिक तंत्र की उपयोगिता बताइए ।


उत्तर- भौतिक पर्यावरण और उसमें रहने वाले जीवों के सम्मिलित रूप को पारिस्थितिक तंत्र या पारितंत्र कहते हैं। मानव और दूसरे जीवधारी एक जटिल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं। जिसका हम मात्र एक हिस्सा है और अपने अस्तित्व के लिए इसके लिए विभिन्न तत्वों पर निर्भर करते हैं। उदाहरणतया, वायु जिसमें हम साँस लेते हैं, जल जिसे हम पीते हैं और मृदा जो अनाज पैदा करती है, जिसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते, पौधे, पशु और सूक्ष्मजीवी इनका पुनः सृजन करते हैं। वन पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, क्योंकि ये प्राथमिक उत्पादक हैं जिन पर दूसरे सभी जीव निर्भर करते हैं। वन पारिस्थितिकी तंत्र देश के मूल्यवान वन पदार्थों, खनिजों और अन्य संसाधनों के संचय कोष है जो तेजी से विकसित होती औद्योगिक- शहरी अर्थव्यवस्था की माँग की पूर्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।


प्रश्न. जैव विविधता को प्रभावित करने वाले कोई तीन कारक लिखिए । 


उत्तर- भारत जैव विविधता में एक महत्वपूर्ण देश है। यह समय के साथ विकास के कारण विभिन्न मानवीय क्रियाकलापों में जैव विविधता को प्रबावित किया है। ये कारक निम्न हैं-

(1) फर्नीचर के लिए लकड़ी की माँग बढ़ी है, जिससे पेड़ कटे हैं। (2) जलावन के लिए लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। (3) कृषि हेतु जंगलों को साफ किया गया है। (4) जनजातियों द्वारा खासकर पूर्वोत्तर भारत में स्थानांतरण कृषि से वन के वन नष्ट हुए हैं। (5) जंगलों में लगने वाली आग दावानल के कारण जंगल का बड़ा हिस्सा नष्ट हुआ है। (6) बड़ी विकास परियोजनाओं जैसे नदियों पर बाँध, रेल मार्ग, सड़क मार्ग आदि के निर्माण के कारण बड़ा वन क्षेत्र नष्ट हुआ है। (7) पशुओं के खाल, मांस और हड्डियों के लिए शिकार से कई जीव या तो लुप्त हो चुके हैं यह संकटग्रस्त में है। (8) खनन, वाणिज्य वानिकी, पर्यावरण प्रदूषण, विषाक्तिकरण जैसे कारकों से जीव विविधता प्रभावित हुए हैं। उपरोक्त तरीकों से जैव विविधता प्रभावित हुए हैं।


प्रश्न. पर्यावरण विनाश के प्रमुख कारक कौन-कौन से हैं? 


उत्तर - विकास के कारण मानव की कई ऐसी क्रियाकलाप हैं। जिनसे वनस्पतिजात और प्राणीजात का भयंकर हास हुआ है। ये प्रतिकूल कारक निम्न हैं-

(1) आवास हेतु भूमि की बढ़ती माँग । (2) कृषि हेतु भूमि की बढ़ती माँग। (3) बड़ी विकास परियोजनाओं जैसे- बाँध, सड़क, रेल मार्ग आदि के निर्माण । (4) वाणिज्यिक वानिकी से जैव विविधता हुई है। (5) खनन, अनियंत्रित पशु चारण,

जंगली पशुओं का शिकार, दावानल, पर्यावरण प्रदूषण और भी विषाक्तिकरण आदि से प्राणीजात और वनस्पतिजात पर भयानक प्रभाव पड़ा है। जिसे ये जातियाँ कुछ तो नष्ट हो चुके हैं और कुछ संकटग्रस्त में है।


प्रश्न. आरक्षित वनों से क्या तात्पर्य हैं ? समझाइए ।


उत्तर- देश के आधे से अधिक वन क्षेत्र आरक्षित वन घोषित किए गए हैं। जहाँ तक वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण की बात है, आरक्षित वनों को सबसे अधिक मूल्यवान माना जाता है। ये वन ऐसे स्थायी वन क्षेत्र हैं जिनका रख-रखाव इमारती लकड़ी, अन्य वन पदार्थों और उनके बचाव के लिए किया जाता है।


प्रश्न. पर्यावरण के विनाश और पुनर्निर्माण की क्रियाशीलता से हमें क्या सीख मिलती है ?


उत्तर- भारत में पर्यावरण के विनाश और पुनर्निर्माण की क्रियाशीलता से सीख मिलती है कि स्थानीय समुदायों को हर जगह प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में शामिल करना चाहिए। विकास की वे ही क्रियाएँ मान्य होनी चाहिए जो जनमानस पर केन्द्रित हो, पर्यावरण हितैषी हो और आर्थिक रूप से प्रतिफलित हो।


प्रश्न. भारत में वनों को सबसे बड़ा नुकसान कब और  कारणों से हुआ ?


उत्तर - भारत में वनों को सबसे बड़ा नुकसान उपनिवेशकाल में लाइन, कृषि व्यवसाय, वाणिज्य वानिकी और खनन

क्रियाओं में वृद्धि से हुआ। अधिकतर जनजातीय क्षेत्रों, विशेषकर, पूर्वोत्तर और मध्य भारत में स्थानांतरित (झूम खेती अथवा 'स्लैश और बर्न' खेती के चलते बनों की कटाई या निम्नीकरण हुआ है। बड़ी विकास परियोजनाओं ने भी वनों को बहुत नुकसान पहुँचाया है। वनों की बर्बादी में खनन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 


प्रश्न. स्थानान्तरित कृषि से तात्पर्य है ?


उत्तर- स्थानांतरित कृषि को 'झूम कृषि' भी कहा जाता है।

देश के विभिन्न भागों में इस प्रकार की कृषि को विभिन्न नामों

से जाना जाता है। स्थानांतरित कृषि में किसान जमीन के टुकड़े साफ करके उन पर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए अनाज व अन्य खाद्य फसलें उगाते हैं। जब मृदा की उर्वरता कम हो जाती है तो किसान उस भूमि के टुकड़े से स्थानांतरित हो जाते हैं और कृषि के लिए भूमि का दूसरा टुकड़ा साफ करते हैं। कृषि के इस प्रकार के स्थानांतरण से प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा मिट्टी की उर्वरता शक्ति बढ़ जाती है।


प्रश्न. वनों की कटाई के कोई तीन परोक्ष परिणाम लिखिए। 


उत्तर- वनों की कटाई के तीन परोक्ष परिणाम निम्न है-

(1) वनों पर आधारित समुदाय निर्धन होते जा रहे हैं।


(2) सूखा व अकला जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो रही है।


(3) वन्य प्राणियों का जीवन खतरे में पड़ गया है।


प्रश्न. जैव संसाधनों के विनाश द्वारा सभ्यता और संस्कृति का पतन हो रहा है कथन की व्याख्या कीजिए। उत्तर- जैव संसाधनों का विनाश सांस्कृतिक विविधता के विनाश से जुड़ा हुआ है। जैसा कि निम्न बातों से स्पष्ट है- (1) जैव विनाश के कारण कई मूल जातियाँ और वन पर आधारित समुदाय निर्धन होते जा रहे हैं और आर्थिक रूप से हाशिये पर पहुँच गए हैं। यह समुदाय खाने, पीने, औषधि, संस्कृति अध्यात्म आदि के लिए बनों और वन्य जीवों पर निर्भर है।


(2) निर्धन वर्ग में स्त्रियाँ, पुरुषों की तुलना में अधिक प्रभावित है। कई समाजों में खाना, चारा, जल और अन्य आवश्यकता की वस्तुओं को एकत्र करने की मुख्य जिम्मेदारी महिलाओं की ही होती है।


(3) जैसे-जैसे इन संसाधनों की कमी होती जा रही है, स्त्रियों पर कार्यभार बढ़ता जा रहा है और कई बार तो उनको संसाधन एकत्र करने के लिए 10 कि.मी. से अधिक पैदल चलना पड़ता है। इससे उन्हें गम्भीर स्वास्थ्य समस्याएँ झेलनी पड़ती है, काम का समय बढ़ने के कारण घर और बच्चों की उपेक्षा होती है, जिसके गम्भीर सामाजिक दुष्परिणाम हो सकते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में वन और वन्य मानव जीवन के लिए बहुत कल्याणकारी है। अतः यह अनिवार्य है कि वन और वन्य जीवन के संरक्षण के लिए सही नीति अपनाई जाए। 


प्रश्न. वन संरक्षण में संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम की भूमिका स्पष्ट कीजिए।


उत्तर- भारत में संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम क्षारित वनों के प्रबंध और पुनर्निर्माण में स्थानीय समुदायों की भूमिका के महत्व को उजागर करते हैं। औपचारिक रूप में इन कार्यक्रमों की शुरूआत 1988 में हुई जब ओडिशा राज्य ने संयुक्त वन प्रबंधन का पहला प्रस्ताव पास किया। वन विभाग के अंतर्गत 'संयुक्त वन प्रबंधन' क्षारित वनों के बचाव के लिए कार्य करता है और इसमें गाँव के स्तर पर संस्थाएँ बनाई जाती है, जिसमें ग्रामीण और वन विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप में कार्य करते हैं। इसके बदले ये समुदाय मध्य स्तरीय लाभ जैसे गैर-इमारती वन उत्पादों के हकदारी होते हैं तथा सफल संरक्षण से प्राप्त इमारती लकड़ी लाभ में भी भागीदार होते हैं।


प्रश्न. सरकार के अधिकार क्षेत्र के आधार पर वनों का 'वर्गीकरण कीजिए।


उत्तर- भारत में अधिकतर वन और वन्य जीवन या तो प्रत्यक्ष रूप में सरकार के अधिकार क्षेत्र में है या वन विभाग अथवा अन्य विभागों के जरिये सरकार के प्रबंधन में है। इन्हें निम्नलिखित वर्गों में बाँटा गया है -

1. आरक्षित वन- वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वन ।


2. रक्षित वन - वन भूमि जो और अधिक क्षरण से बचाई जाती है। 


3. अवर्गीकृत वन- सरकार, व्यक्तियों के निजी और समुदायों के अधीन अन्य वन और बंजर भूमि।


प्रश्न 12. भारत में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 द्वारा वनों की सुरक्षा का क्या प्रावधान है ? लिखिए।


उत्तर- भारतीय वन्य जीवन अधिनियम 1972 में लागू किया गया जिसमें वन्य जीवों के आवास रक्षण के अनेक प्रावधान थे। इस कार्यक्रम के तहत बची हुई संकटग्रस्त जातियों के बचाव पर, शिकार प्रतिबंधन पर, वन्यजीव आवासों का कानूनी रक्षण तथा जंगली जीवों के व्यापार पर रोक लगाने आदि पर प्रबलजोर दिया गया है। तत्पश्चात् केन्द्रीय सरकार व कई राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव पशु विहार स्थापित किए। केन्द्रीय सरकार ने कई परियोजनाओं की भी घोषणा की जिनका उद्देश्य गम्भीर खतरे में पड़े कुछ विशेष वन प्राणियों को रक्षण प्रदान करना था ।


प्रश्न. भारत में वन संरक्षण के कोई तीन उपाय लिखिए ।


उत्तर- भारत के कुछ क्षेत्रों में विभिन्न समुदायों ने सरकारी तंत्र के साथ मिलकर वन एवं वन्य जीव संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। जिससे भविष्य में इसके लाभकारी प्रभाव मिलने की उम्मीद है। वन एवं वन्य जीव संरक्षण में इन समुदायों ने किस प्रकार अपना योगदान दिया है- (1) राजस्थान के अलवर जिले में 5 गाँव के लोगों ने 1200 हैक्टेयर भू-भाग को भैरोंदेव डाकव को अभयारण्य घोषित कर दिया है।


(2) राजस्थान के बिश्नोई गाँवों के आस-पास काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय और मोरों के झुंड मिलना इस बात का प्रमाण देता है कि वहाँ इन जीवों को कितना ख्याल किया जाता है।


(3) सरिस्का बाघ परियोजना में राजस्थान के लोगों ने हो रहे डोलोमाइट खनन कार्य को बंद करवा दिया है।


(4) कुछ समाज के लोग कुछ विशेष पेड़ों की पूजा करते हैं जैसे उत्तर भारत में हिन्दू लोग तुलसी, वटवृक्ष, पीपल के पेड़ो को पवित्र मानकर पूजा करते हैं। वहीं शादी विवाह में आम के पेड़ों की पूजा की प्रथा है।


इसी तरह झारखण्ड, उड़ीसा में कुछ आदिवासी समुदाय आम, महुआ, कदंब, इमली के पेड़ों की पूजा करते हैं। शादी के समय आम और इमली की पूजा की प्रथा प्रचलन में है।


अतः हम कह सकते हैं कि उपरोक्त तरीकों से भारत में विभिन्न समुदाय द्वारा वन एवं वन्य जीव सुरक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं।



प्रश्न. आयात शुल्क (Tariff) से क्या आशय हैं? 


उत्तर- आयात शुल्क किसी दूसरे राष्ट्र से आने वाली चीजों पर वसूल किया जाने वाला शुल्क। यह कर या शुल्क उस जगह

लिया जाता है जहाँ से वह वस्तु देश में आती है, अर्थात् सीमा पर, बंदरगाह पर या हवाई अड्डे पर ।


प्रश्न 2. द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र और धुरी शक्तियाँ के नाम (स्पष्ट) बताइए?


उत्तर- एक गुट में धुरी शक्तियाँ मुख्य रूप से नात्सी जर्मनी, जापान और इटली थीं तो दूसरा खेमा मित्र राष्ट्रों ब्रिटेन, सोवियत संघ, फ्रांस और अमेरिका के नाम से जाना जाता था। 


प्रश्न. वीटो (निषेधाधिकार) का क्या अर्थ है ?


उत्तर- वीटो (निशेषाधिकार) इस अधिकार के सहारे एक ही सदस्य की असहमति किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने का आधार बन जाती है।


प्रश्न. प्रथम विश्वयुद्ध में सहयोगी (मित्र) राष्ट्र कौन-से थे?


उत्तर- सहयोगी मित्र राष्ट्र प्रतम विश्व युद्ध से पहले ब्रिटेन,फ्रांस और रूस मित्र राष्ट्र ये जो प्रथम विश्व युद्ध में एक साथ लड़े, बाद में अमेरिका भी इनके साथ हो गया। 


प्रश्न. प्रथम विश्व युद्ध में केन्द्रीय शक्तिया कौन-सी थी?


उत्तर- प्रथम विश्व युद्ध में केन्द्रीय शक्तियाँ यानी जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और ऑटोमन तुर्की थे।


प्रश्न. हायर परचेज क्या व्यवस्था थी? 


उत्तर- हायर परचेज एक ऐसी व्यवस्था जिसमें खरीददार वस्तुएँ कर्जे पर खरीदते थे और उनकी कीमत साप्ताहिक या मासिक


किस्तों में चुकाई जाती थी । 


प्रश्न. कार्न-लॉ क्या था ?


उत्तर- ब्रिटेन सरकार ने बड़े भू-स्वामियों के दबाव में सरकार ने मक्का के आयात पर पाबंदी लगा दी थी। जिन कानूनों के सहारे सरकार ने यह पाबंदी लागू की थी उन्हें 'कॉर्न लॉ' कहा जाता था। 


प्रश्न. विनियम दर व्यवस्था का अर्थ बताइए ।


उत्तर- इस व्यवस्था के जरिये अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुविधा के लिए विभिन्न देशों की राष्ट्रीय मुद्राओं को एक दूसरे से जोड़ा जाता है। मौटे तौर पर विनिमय दर दो प्रकार की होती है- स्थिर विनिमय दर और परिवर्तनशील विनिमय दर ।


प्रश्न. विनिमय दरों के नाम बताइए। उत्तर - विनिमय दर मुख्य रूप से दो प्रकारकी होती है-


(1) स्थिर विनिमय दर (2) परिवर्तनशील विनिमय दर । 


प्रश्न. बहुराष्ट्रीय कम्पनी या बहुराष्ट्रीय नियम का क्या अर्थ है ?


उत्तर- एक साथ बहुत सारे देशों में व्यवसाय करने वाली कम्पनियों को बहुराष्ट्रीय निगम या बहुराष्ट्रीय कम्पनी कहा जाता है।


प्रश्न. ब्रिटेन बुड्स का ऐतिहासिक सम्मेलन कहाँ आयोजित किया गया था ?


उत्तर- ब्रिटेन वुड्स एक स्थान है जो ब्रिटेन में स्थित है। यहीं ऐतिहासिक सम्मेलन हुआ।


प्रश्न. आर्थिक महामंदी की शुरूआत कब हुई और यह


संकट कब तक बना रहा?


उत्तर- आर्थिक मंदी की शुरूआत 1929 ई. से शुरू हुई और यह संकट 1930 के दशक के मध्य तक बना रहा।


प्रश्न. प्रथम कार निर्माता का नाम एवं कार मॉडल का


नाम बताइए।


उत्तर- प्रथम कार निर्माता हेनरी फोर्ड थे एवं कार मॉडल का नाम 'टी-मॉडल' था।


प्रश्न. ईस्ट इंडिया कम्पनी के दुनिया भर में चलने वाले कार्यों का केन्द्र कहाँ था?


उत्तर- ईस्ट इंडिया कम्पनी के दुनिया भर में चलने वाले कार्यों का केन्द्र 'ईस्ट इंडिया कम्पनी हाउस लंदन" था।


प्रश्न. भारत में पैदा होने वाली महीन कपास का निर्यात कहाँ किया जाता था ? 


उत्तर- भारत में पैदा होने वाली महीन कपास का यूरोपीय देशों को निर्यात काय जाता था। 


प्रश्न. भारत के ज्यादातर अनुबंधित श्रमिक किन इलाकों से जाते थे?


उत्तर- भारतीय अनुबंधित श्रमिक मुख्य रूप से मौजूदा पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यभारत और तमिलनाडु के सूखे इलाकों से जाते थे। 


प्रश्न. 19वीं सदी तक यूरोप में कौन-सी समस्याएँ आम थी?


उत्तर- 19वीं सदी तक यूरोप में गरीबी और भूख का ही साम्राज्य था। बीमारियों का बोलबाला था, धार्मिक टकराव थे। 


प्रश्न. अमेरिका के मूल निवासियों के लिए कौन-सी बीमारी जानलेवा साबित हुई ? 


उत्तर- अमेरिका के मूल निवासियों के लिए 'चेचक' बीमारी जानलेवा साबित हुई।


प्रश्न. श्रम के प्रवाह का क्या अर्थ है ? 


उत्तर- अर्थशास्त्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय में 3 तरह की गतियों या 'प्रवाहों' का उल्लेख किया है। इनमें पहला- प्रवाह व्यापार, दूसरा- श्रम प्रवाह तथा तीसरा पूँजी प्रवाह है। श्रम प्रवाह- इसमें लोग काम या रोजगार की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं।


प्रश्न. "द स्मिथ फील्ड क्लब पशु बाजार" क्या है? 


उत्तर- स्मिथ फील्ड लंदन का सबसे पुराना पशु बाजार था, यहाँ किसान अपने पालूत जानवर लाते थे, जिनकी वहाँ खरीद • फरोख्त की जाती थी। 19वीं सदी के मध्य में स्मिथ फील्ड आपूर्ति केन्द्रों को रेलवे लाइनें जाती थी।


प्रश्न. केनाल कॉलोनी किसे कहा जाता था?


उत्तर- ब्रिटिश भारतीय सरकार ने अर्द्ध-रेगिस्तानी परती जमीनों को उपजाऊ बनाने के लिए नहरों का जाल बिछा दिया। नयी नहरों की सिंचाई वाले इलाकों में पंजाब के अन्य स्थानों के लोगों को लाकर बसाया गया। उनकी बस्तियों को 'केनाल कॉलोनी' (नहर बस्ती) कहा जाता था। 


प्रश्न. सर हैनरी मार्टन स्टैनली कौन थे? यह क्यों प्रसिद्ध थे?


उत्तर- मार्टन स्टैनली एक पत्रकार और खोजी थे। न्यूयार्क हैरल्ड ने उन्हें कई साल पहले अफ्रीका गए लिविंग्स्टन नामक मिशनरी की खोज करने के लिए भेजा था। उनकी खोजों और अन्वेषणों से अफ्रीका को जीतने में मदद मिली। प्रश्न 23. वैश्वीकरण का क्या अर्थ हैं? उत्तर- वैश्वीकरण एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था है जो मोटे तौर पिछले लगभग 50 सालों से ही हमारे सामने आई है।



प्रश्न. ब्रेटनवुड्स समझौते का क्या अर्थ हैं?


उत्तर- 1. अर्थ- ब्रेटन बुड्स संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित माउंट वॉशिंगटन एक होटल है। यह वह स्थान है जहाँ द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था संबंधी एक ऐतिहासिक सम्मेलन आयोजित किया गया था।


2. उद्देश्य - युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह था कि औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता एवं पूर्ण रोजगार बनाए रखा जाए। इस फ्रेमवर्क पर जुलाई 1944 में अमेरिका स्थित न्यू हैम्पशर के ब्रिटेन वुड्स नाम स्थान पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन में सहमति बनी थी। 


3. आई. एन. एम.एफ. की स्थापना- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना सदस्य देशों के विदेशी लाभ और घाटे से निपटने के लिए की गई थी। युद्धोत्तर पुनर्निर्माण के लिए पैसे का इंतजाम करने के वास्ते अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (जिसे आम बोलचाल में विश्व बैंक कहा जाता है), का गठन किया गया।


4. ट्विन्स या जुड़वाँ - इसी वजह से विश्व बैंक और आई.एन.एम.एफ. को ब्रेटन वुड्स संस्थान या ब्रेटन वुड्स ट्विन्स भी कहा जाता है। इसी आधार पर युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक 'व्यवस्था को अक्सर ब्रेटन वुड्स व्यवस्था भी कहा जाता है। 


प्रश्न. अफीम युद्ध का क्या अर्थ है ?


उत्तर- चीन व ब्रिट्रेन के मध्य अफीम युद्ध हुआ था। कपड़ों की रंगाई के लिए इस्तेमाल होने वाले नील का कई दशक तक बड़े पैमाने पर निर्यात होता रहा। 1820 के दशक से चीन को बड़ी मात्रा में अफीम का निर्यात किया जाने लगा। कुछ समय तक तो भारतीय निर्यात में अफीम का हिस्सा ही सबसे ज्यादा रहा। ब्रिटेन की सरकार भारत में अफीम की खेती करवाती थी और चीन को निर्यात कर देती थी। अफीम के निर्यात से जो पैसा मिलता था, उसके बदले चीन से ही चाय और दूसरे पदार्थों का आयात किया जाता था। बाद में अफीम से अधिक मुनाफे को लेकर चीन व ब्रिटेन में युद्ध हो गया, जिसे 'अफीम युद्ध' के नाम से जाना गया।


प्रश्न. खुशनवीसी से आप क्या समझते है ? 


उत्तर- किताबों का सुलेखन या खुशनवीसी करने वाले लोग दक्ष सुलेखक या खुशखत होते थे, जो हाथ से बड़े सुंदर-सुडौल अक्षरों में सही-सही कलात्मक लिखाई करते थे।


प्रश्न. डायमंड सूत्र क्या है?


उत्तर- डायमण्ड सूत्र जापान की सबसे पुरानी 868 ई. में छपी पुस्तक है, जिसमें पाठ के साथ-साथ काठ पर खुदे चित्र है। 


प्रश्न. कितागाबा उतामारों क्यों प्रसिद्ध है?


उत्तर- 1753 ई. में एदो में पैदा हुए उतामारो ने 'उकियो' नाम की एक नयी चित्रकला शैली में अहम योगदान किया, जिनमें आम शहरी जीवन का चित्रण किया गया। इनकी छपी प्रतियाँ यूरोप और अमेरिका पहुँची और माने, मोने और वान गॉग जैसे चित्रकारों को प्रभावित किया।


प्रश्न. बेलम सतह के बारे में संक्षिप्त बताइए । 


उत्तर-  वेलम, चर्म-पत्र या जानवरों के चमड़े से बनी लेखन सतह है। मुद्रित किताबों को सस्ती, अश्लील मानने वाले कुलीन वर्गों और भिक्षु संघों के लिए छपी किताबों के विलासी संस्करण अभी भी बेशकीमती वेलम या चर्म-पत्र पर ही छपते थे । 


प्रश्न . बुड ब्लॉक क्या एवं किस देश से सम्बन्धित था? 


उत्तर- बुड ब्लॉक मुद्रण के रूप में बौद्ध ग्रंथों का कोरियाई संग्रह है। चीन के पास वुडब्लॉक वाली छपाई की तकनीक

पहले से मौजूद थी। मार्को पोलो यह ज्ञान अपने साथ लेकर इटली लौटा।


प्रश्न. प्रिंटिंग प्रेस के अविष्कारक कौन, कहा के थे? 


उत्तर- गुटेन्बर्ग प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कारक थे, जो एक व्यापारी के पुत्र थे। गुटेन्बर्ग स्ट्रेसबर्ग के योहान के निवासी थे। उनके द्वारा सर्वप्रथम छापी गई किताब 'बाइविल' थी। 


प्रश्न. प्लाटेन के बारे में दो लाइने लिखिए।


उत्तर- लेटरप्रेस छपाई में प्लाटेन एक बोर्ड होता है, जिसे कागज के पीछे दबाकर टाइप की छाप ली जाती थी। पहले यह बोर्ड काठ का होता या बाद में इस्पात का बनने लगा। 


प्रश्न. मुद्रण क्रांति क्या थी ?  मुद्रण क्रान्ति से आप क्या समझते है?


उत्तर- छापेखाने का आविष्कार महज तकनीकी दृष्टि से नाटकीय बदलाव की शुरूआत नहीं था । पुस्तक उत्पादन के नए तरीकों ने लोगों की जिंदगी बदल दी, इसकी बदौलत सूचना और ज्ञान से, संस्था और सत्ता से उनका रिश्ता ही बदल गया। इससे लोकचेतना बदली और बदला चीजों को देखने का नजरिया ।



प्रश्न. गाथा गीत से आप क्या समझते है? उत्तर- लोकगीत का ऐतिहासिक आख्यान, जिसे गाया या सुनाया जाता है।


प्रश्न. निरंकुशवाद शब्द किसके अर्थ में प्रयोग होता 3?


उत्तर- निरंकुशवाद राजकाज की ऐसी व्यवस्था है, जिसमें किसी एक व्यक्ति को सम्पूर्ण शक्ति प्राप्त हो और उस पर न कानूनी पाबंदी लगी हो, न ही संवैधानिक । 18वीं सदी के फ्रांस के उपन्यासकार लुई सेबेस्तिएँ मर्सिए ने घोषणा की, "छापाखाना प्रगति का सबसे ताकतवर औजार है, इससे बन रही जनमत की आँधी में निरंकुशवाद उड़ जाएगा।"


प्रश्न. विश्व में मुद्रण तकनीक का आरम्भ किस महाद्वीप से हुआ ? 


उत्तर- विश्व में मुद्रण कतकनीक का आरंभ यूरोप महाद्वीप में हुआ।


प्रश्न. पाण्डुलिपियाँ क्या है?


उत्तर- पांडुलिपियाँ ताड़ के पत्तों या हाथ से बने कागज पर नकल कर बनाई जाती थी। यह बहुत नाजुक होती थी व मँहगी भी होती थी। उन्हें बहुत सावधानी से पकड़ना होता था, इसलिए उनका व्यापक दैनिक इस्तेमाल नहीं होता था। 


प्रश्न. बुड ब्लाक (काठ की तख्ती) वाली छपाई यूरोप

में 1295 के बाद आई। 


उत्तर- 1295 तक यूरोप में बुडब्लॉक प्रिंट या तख्ती की छपाई न आने के निम्न कारण थे। 1295 ई. में मार्को पोलो नामक महान खोजी यात्री चीन में

काफी साल बितना के बाद इटली वापस लौटा। चीन के पास वडब्लॉक (काठ की तख्ती) वाली छपाई की तकनीक पहले से मौजूद थी। मार्को पोलो यह ज्ञान अपने साथ लेकर लौटा। 


प्रश्न. वर्नीक्यूलर प्रेस एक्ट के बारे में संक्षिप्त वर्णन करें।


उत्तर- वर्नाक्यूलर या देशी प्रेस एक्ट 1878 में लागू किया। 1875 के विद्रोह के बाद ज्यों-ज्यों भाषाई राष्ट्रवाद के समर्थन में होते गए, मुखर त्यों-त्यों सरकार में कड़े नियंत्रण के प्रस्ताव पास होने लगे और इसी का परिणाम था 1878 व वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट। इससे सरकार को भाषाई प्रेस और संपादकीय को सेंसर करने का निर्णय लिया गया। अगर किसी रपट को बागी करार दिया। अखबार को पहले चेतावनी दी जाती थी और अगर चेतावनी की अनसुनी की जाती तो अखबार को जब्त किया जा सकता था और छपाई की मशीनें छीन ली जाती थीं। इस तरह यह एक्ट देशी प्रेस का मुँह बंद करने के लिए लाया गया था।


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