class 11 hindi chapter 9 सबसे खतरनाक question answer

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class 11 hindi chapter 7 गज़ल question answer hindi medium//कक्षा 11 पद्य खंड हल

 

अध्‍याय 9

                               सबसे खतरनाक     - अवतार सिंह पाश


1 मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती

पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती

गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती

बैठे-बिठाए पकड़े जाना-बुरा तो हे

सहमी-सी चुप में जकड़े जाना-बुरा तो है

पर सबसे खतरनाक नहीं होता।

संदर्भ – प्रस्‍तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्‍तक आरोहमें कवि अवतार सिंह पाश द्वारा रचित सबसे खतरनाकनामक कविता से उद्धृत किया गया है।

प्रसंग – समाज की विभिन्‍न स्थितियों के बीच कुछ स्थितियाँ खतरनाक मानी जाती हैं और कुछ नहीं। कुछ स्थितियों को कवि खतरनाक नहीं मानता। उन्‍हीं का उल्‍लेख इन पंक्तियों में किया गया है।

व्‍याख्‍या – कवि कहता है – मेहनत से लूटना या उस पर पुलिस का जुल्‍म खतनाक हो सकता है पर वे बातें सबसे खतरनाक नहीं हैं। गद्दारी करना या लोभ-लालच से मुट्ठी भर लेना भी अधिक खतरनाक नहीं होता। लोभ में पड़कर देश के विरुद्ध षड्यंत्र रचना खतरनाक काम है, परन्‍तु यह संसार का सबसे खतरनाक काम नहीं है। निरपराधी को पुलिस द्वारा पकड़ा जाना और जेल में डाल दिए जाना बुरी बात है। अन्‍याय के विरुद्ध चुपचाप सहमे पड़े रहना भी बुरी बात है। परन्‍तु इन बातों को सबसे खतरनाक नहीं कहा जा सकता।

काव्‍य सौंदर्य – ( 1 ) कवि कुछ खतरनाक या बुरी स्थितियों का उल्‍लेख करता है, पर उन्‍हें हमारे लिए सबसे खतरनाक नहीं मानता। ( 2 ) अनुप्रास अलंकार का प्रयोग सराहनीय है।     ( 3 ) भाषा भावाभिव्‍यक्ति में सक्षम है।

2. कपट के शोर में

सही होते हुए भी दब जाना-बुरा तो है

किसी जुगनू की लौ में पढ़ना-बुरा तो है

मुट्ठियाँ भींचकर बस वक्‍त निकाल लेना-बुरा तो है

सबसे खतरनाक नहीं होता।

संदर्भ – प्रस्‍तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्‍तक आरोहमें कवि अवतार सिंह पाश द्वारा रचित सबसे खतरनाकनामक कविता से उद्धृत किया गया है।

प्रसंग – समाज की विभिन्‍न स्थितियों के बीच कुछ स्थितियाँ खतरनाक मानी जाती हैं और कुछ नहीं। कुछ स्थितियों को कवि खतरनाक नहीं मानता। उन्‍हीं का उल्‍लेख इन पंक्तियों में किया गया है।

व्‍याख्‍या – कवि कहता है – यह बात बुरी है कि चारों ओर छल-कपट को देखकर भी व्‍यक्ति चुप रहे। उसके विरुद्ध आवाज न उठाए। यह बात भी बहुत बुरी है कि व्‍यक्ति जुगनू के प्रकाश में पढ़े अर्थात् अज्ञानी या अल्‍पज्ञानी को गुरु बनाकर ज्ञान प्राप्‍त करे। बात यह भी बुरी है कि व्‍यक्ति अन्‍याय के विरोध में संघर्ष करना चाहे किंतु कुछ कर न सके, केवल अपनी मुट्ठियाँ भींचता रहे। ये सब बातें बुरी हैं। परन्‍तु यह सबसे खतरनाक नहीं है क्‍योंकि इससे भी अधिक खतरनाक स्थितियाँ और भी हैं।

काव्‍य सौंदर्य – ( 1 ) सरल शब्‍दावली का प्रयोग हुआ है। ( 2 ) अनुप्रास अलंकार। ( 3 ) कवि बुरी स्थिति को खतरनाक नहीं मानता।

3. सबसे खतरनाक होता है

मुर्दा शांति से भर जाना  

ने होना तड़प का सब सहन कर जाना

घर से निकलना काम पर

और काम से लौटकर घर आना

सबसे खतरनाक होता है

हमारे सपनों का मर जाना

सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है

आपकी कलाई पर चलती हुई भी जो

आपकी निगाह में रुकी होती है।

संदर्भ – प्रस्‍तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्‍तक आरोहमें कवि अवतार सिंह पाश द्वारा रचित सबसे खतरनाकनामक कविता से उद्धृत किया गया है।

प्रसंग – इन पंक्तियों में कवि ने कामनाहीन, उद्देश्‍यहीन और निष्क्रिय जीवन की निंदा की है।

व्‍याख्‍या – जीवन में सबसे खतरनाक होता है- निष्क्रिय होकर चुपचाप बिना कुछ किए चुपचाप रहना। चाहे कितने भी संकट आएँ, उन्‍हें बिना तड़पे मौन होकर सह जाना। इसी तरह रोज़-रोज़ अपने कामकाज के लिए घर से निकलना और काम के बाद सीधे घर को लौट आना और भविष्‍य के बारे में, परिवर्तन के बारे में न सोचना ऐसा निष्क्रिय निठल्‍ला जीवन खतरनाक होता है।

सबसे खतरनाक स्थिति यह होती है कि हमारे सपने मर जाएँ, जीवन की आकांक्षाएँ नष्‍ट हो जाएँ। हमारी चेतना, हमारी सोच मर जाए। सबसे खतरनाक दृष्टि वह है जो अपनी कलाई पर बँधी घड़ी को सामने चलता देखकर भी यह सोचे की जीवन स्थिर है अर्थात् जो मनुष्‍य प्रतिदिन होते परिवर्तनों को देखकर भी उसके अनुसार न तो बदलता है, न बदलना चाहता है, वह खतरनाक है।

काव्‍य सौंदर्य – ( 1 ) कवि संघर्ष और प्रगति को जीवन के लिए आवश्‍यक मानता है।        ( 2 ) भाषा सरल, सहज, प्रवाहमयी है। ( 3 ) अनुप्रास अलंकार।

4. सबसे खतरनाक वह आँख होती है

जो सब कुछ देखती हुई भी जमी बर्फ होती है

जिसकी नज़र दुनिया को मुहब्‍बत से चूमना भूल जाती है

जो चीजों से उठती अंधेपन की भाप पर ढुलक जाती है

जो रोज़मर्रा के क्रम को पीती हुई

एक लक्ष्‍यहीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती है।

संदर्भ – प्रस्‍तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्‍तक आरोहमें कवि अवतार सिंह पाश द्वारा रचित सबसे खतरनाकनामक कविता से उद्धृत किया गया है।

प्रसंग – इन पंक्तियों में कवि ने उन स्थितियों को खतरनाक माना है जब आदमी प्रतिकूल परिस्थितियों का आदी हो जाता है।

व्‍याख्‍या – जीवन में सबसे खतरनाक वह दृष्टि होती है, जो सब कुछ देखकर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं करती, केवल जमी हुई बर्फ के समान जमी रहती है। जो दृष्टि संसार को प्रेम नहीं कर पाती। जो अंधेपन और कट्टरता-भरी बातों को ही सच मानकर ठहरी रहती है। जो एक ढ़र्रे पर चलने वाले दैनिक-क्रियाकलाप को ही निभाती चली जाती है। जो दृष्टि बिना‍ किसी लक्ष्‍य के रोज-रोज की बेकार बातों को थोड़े-बहुत उलटफेर के साथ दोहराती चली जाती है, वह खतरनाक होती है।

काव्‍य सौंदर्य – ( 1 ) कवि संवेदनशील, प्रेममय और परिवर्तनकारी जीवन-शैली का समर्थक है। वह जड़ता और ढर्रेदार जीवन-शैली का विरोधी है। ( 2 ) प्रतीकात्‍मक भाषा का प्रयोग किया गया है।.  ( 3 ) अंधेपन की भापमें रूपक अलंकार है।

5. सबसे खतरनाक वह चाँद होता है

जो हर हत्‍याकांड के बाद

वीरान हुए आँगनों में चढ़ता है

पर आपकी आँखों की मिर्चों की तरह नहीं गड़ता है।

संदर्भ – प्रस्‍तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्‍तक आरोहमें कवि अवतार सिंह पाश द्वारा रचित सबसे खतरनाकनामक कविता से उद्धृत किया गया है।

प्रसंग – इन पंक्तियों में कवि चाँद की आस्‍था और विश्‍वास के प्रतीक के रूप में प्रस्‍तुत करते हुए कहते हैं कि –

व्‍याख्‍या – वह चाँद सबसे खतरनाक होता है जो हर हत्‍याकांड के बाद हत्‍या के शिकार लोगों के सूने आँगन पर चढ़ता है और लोग उस चाँद की चाँदनी का आनन्‍द लेते हैं। वह लोगों की आँखों में खटकता नहीं।

काव्‍य सौंदर्य – ( 1 ) मुक्‍त छंछ की कविता है। चढ़ता है’, ‘गड़ता हैकी तुक के कारण इसमें प्रभाव आ गया है। ( 2 ) कविता की शैली आवेशपूर्ण तथा मौलिक है। ( 3 ) अनुप्रास अलंकार।


पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर 

कविता के साथ-साथ -


प्रश्न 1. कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ को खतरनाक नहीं माना? 


उत्तर - काफी मेहनत की लूट, पुलिस की मार या गद्दारी-लोभ को बुरा तो मानता है किंतु सबसे खतरनाक नहीं मानता। कारण है कि इनका प्रभाव सीमित या कभी-कभी होता है। इनसे उबरा जा सकता है। इनके विरुद्ध संघर्ष किया जा सकता है। परंतु कुछ खतरनाक बातें ऐसी होती हैं जो मनुष्य के मन में कुसंस्कारों के रूप में इस तरह जम जाती है कि मनुष्य का उद्धार ही नहीं हो पाता है। उनकी तुलना में ये बातें सबसे खतरनाक नहीं है।


प्रश्न 2. सबसे खतरनाक शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या असर पैदा हुआ? 


उत्तर - सबसे खतरनाक शब्द के बार-बार दोहराए जाने से खतरनाक बातों के प्रति पाठकों का ध्यान अधिक गया है। वे कथन के मूल में जाने को अधिक तत्पर हुए। उन में जिज्ञासा उत्पन्न हुई। विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों में तुलना का भाव पैदा हुआ। इससे पाठक कविता को पढ़ने में रसलीन हुआ।


प्रश्न 3. कवि ने कविता में कई बातों को बुरा ना कहकर बुरा तो कहा है। तो के प्रयोग से कथन की भंगिमा में क्या बदलाव आया है, स्पष्ट कीजिए।


उत्तर - 'बुरा है' तथा 'बुरा तो है' दो अलग-अलग कथान-भंगिमाएं ( शैलियां ) है। 'बुरा है' में स्पष्ट रूप से आरोप है। 'बुरा तो है' में कोई-न-कोई बचाने वाला कारण साथ संलग्न है। 'तो' में बचाव है या कोई-न-कोई औचित्य है। 'बुरा तो है' कहते ही एक अज्ञात कारण इसके साथ सम्बद्ध हो जाता है। 'बुरा है' कहने से वाक्य पूर्ण हो जाता है। 'बुरा तो है' कहकर हम बात आगे बढ़ाते हैं, श्रोता के मन में जिज्ञासा उत्पन्न करते हैं। उसे और अधिक जानने के लिए बाध्य करते हैं।


प्रश्न 4. 'मुद्रा शांति से भर जाना और हमारे सपनों का मर जाना' इनको सबसे खतरनाक माना गया है। आपकी दृष्टि में इन बातों में परस्पर क्या संगति है और यह क्यों सबसे खतरनाक है।


उत्तर - 'मुद्रा शांति से भर जाने' का अर्थ है - एकदम निष्क्रिय, निठल्ले, जड़ और प्रतिक्रियाशून्य होना। 'हमारे सपनों के मर जाने' का आशय है- कुछ कर गुजरने की उमंग का न होना। दोनों ही परिस्थितियां सबसे खतरनाक है। इन दोनों बातों में परस्पर संगति यह है कि ये दोनों एक-जैसी हैं। क्योंकि दोनों मनुष्य को निकम्मा बनाती है। यह दोनों स्थितियां सबसे खतरनाक मानी गई है क्योंकि यह क्रांति या परिवर्तन को जन्म नहीं देतीं।


प्रश्न 5. सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है/ आपकी कलाई पर चलती हुई भी जो/ आप की निगाह में रुकी होती है। इन पंक्तियों में घड़ी शब्द की व्यंजना को अवगत कराइए।


उत्तर - इन पंक्तियों में घड़ी शब्द में गहरी व्यंजना है। यह समय की गति की सूचक है जो प्रतिक्षण आगे आने वाले समय को बताती है। उसका काम है चलना। पर जड़ समाज में वह चलते हुए भी रुक गई है अर्थात समय में बदलाव नहीं आ रहा है, यही कवि कहना चाहता है।


प्रश्न 6. वह चाँद सबसे खतरनाक क्यों होता है, जो हर हत्याकांड के बाद/आपकी आंखों में मिर्चों की तरह नहीं गड़ता है? 


उत्तर - हत्याकांड दिल दहला देने वाली घटना होती है। ऐसे में शांत शीतल वस्तुएं सहन नहीं होती। संवेदनशील कवि को चांद की शीतल किरणें भी मिर्ची के समान चुभती हैं। पर जब बार-बार हत्याकांड होते हैं तो हमें उनकी आदत पड़ जाती है और हम संवेदनहीन हो जाते हैं।


कविता के आस-पास -


प्रश्न 1. कवि ने 'मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती' से कविता का आरंभ करके फिर इसी से अंत क्यों किया होगा? 


उत्तर - कवि ने 'मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती' से कविता का आरंभ किया है। वह बतलाना चाहता है कि व्यक्ति के शोषण जैसी बातों से अधिक खतरनाक बातें और भी हैं। उन पर ध्यान लाने के लिए कभी नहीं है प्रयोग किया है।


प्रश्न 2. कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में अन्य किन बातों को आप खतरनाक मानते हैं?


उत्तर - कवि द्वारा उल्लेखित बातों के अतिरिक्त समाज में हिंसा करना, चोरी करना, अपहरण, बलात्कार, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, आतंकवाद आदि अन्य बातें भी खतरनाक है।


प्रश्न 3. समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए आपके क्या सुझाव है?


उत्तर - समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए कठोर कानून बनाना चाहिए और उनका कढ़ाई तथा ईमानदारी से पालन करने की दृढ़ और ईमानदार कोशिश करनी चाहिए। लोगों को चाहिए कि वे संगठित हो और इन सभी खतरनाक बातों के विरुद्ध संघर्ष करें। 

 

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