रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर//rekhachitra aur sansmaran mein antar
हेलो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं रेखाचित्र और संस्मरण के बारे में जैसा कि आप जानते हैं रेखाचित्र और संस्मरण दोनों ही हिंदी साहित्य की बहुत ही महत्वपूर्ण है विद्या हैं। लेकिन बहुत बार बहुत से लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि रेखाचित्र और संस्मरण में क्या अंतर होता है। रेखा और संस्मरण में अंतर बहुत ही सरल होता है जिसकी कि हमने यहां पर पूरी जानकारी दी है। तो आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
संस्मरण किसे कहते हैं?
जीवन की हर मार्मिक अनुभूतियों को स्मृति के आधार पर प्रभावशाली भाषा में चित्रित करना ही संस्मरण लेखन है। जैसे शिवरानी जी की कृति "प्रेमचंद घर में" उपेंद्रनाथ अश्क द्वारा लिखित "ज्यादा अपनी कम पराई" संस्मरण साहित्य की अनूठी धरोहर है।
संस्मरण की विशेषताएं -
1. संस्मरण का संबंध प्रायः महापुरुषों से होता है।
2. इसमें व्यक्तिपरकता का तत्व विद्यमान रहता है।
3. इसमें आत्मीयता के साथ वर्णन होता है।
4. संस्मरण विश्वसनीय होते हैं।
संस्मरण के लेखक और उनकी रचनाएं -
1.उपेन्द्रनाथ अश्क द्वारा लिखित - 'ज्यादा अपनी कम पराई।'
2.भगवती चरण वर्मा द्वारा लिखित - 'गणेश शंकर विद्यार्थी'
रेखाचित्र किसे कहते हैं?
जब हम किसी घटना व्यक्ति या वस्तु का शब्दों के माध्यम से ऐसा कलात्मक चित्रण करते हैं की आंखों के सामने चित्र से उपस्थित हो जाता है उसे रेखाचित्र कहते हैं।
रेखाचित्र की विशेषताएं -
1. इसमें किसी व्यक्ति, वस्तु या दृश्य का वर्णन होता है।
2. इसमें लेखक रोगोत्प्रेरक शब्दावली का प्रयोग करता है।
रेखाचित्र के लेखक और उनकी रचनाएं -
1. श्रीराम शर्मा द्वारा लिखित - 'बोलती प्रतिभा'
2. महादेवी वर्मा द्वारा लिखित - 'गौरा'
रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर -
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| रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर |

