Jivani aur atmakatha mein antar

SL Study
0

Jivani aur atmakatha mein antar


नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर आज की इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं जीवनी और आत्मकथा में अंतर से संबंधित सारी जानकारी इस पोस्ट में आपको मिल जाएगी। जीवनी क्या है ? आत्मकथा क्या है ? तथा जीवनी और आत्मकथा में क्या अंतर है ? यह सभी जानकारी आपको इस पोस्ट में मिल जाएगी तो आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।


Jivani aur atmakatha mein antar



जीवनी :- 

 किसी व्यक्ति के जीवन को प्रस्तुत करना ही जीवनी है यह किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा लिखी जाती है। अमृतराय द्वारा लिखित 'कलम का सिपाही' प्रसिद्ध जीवनी है।

जीवन हिंदी साहित्य की एक बहुत ही महत्वपूर्ण विद्या है। जीवन में किसी विशेष या फिर महान व्यक्ति की जन्म से लेकर मृत्यु तक उसके समस्त जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का चित्रण होता है। जीवनी में प्रमाणिकता की आवश्यकता होती है।


प्रमुख जीवनीकार और उनकी रचनाएं -


1. राजेंद्र प्रसाद - चंपारण में महात्मा गांधी

2. रामवृक्ष बेनीपुरी - जयप्रकाश नारायण(1951)

3. रामविलास शर्मा - निराला की साहित्य साधना

4. अमृतराय - कलम का सिपाही


भाषा और विभाषा में अंतर

भाषा और बोली में अंतर


आत्मकथा :- 

                     भाषा के माध्यम से स्वयं अपने जीवन को प्रस्तुत करना ही आत्मकथा या आत्मकथा लेखन कहलाता है।

अपने ही जीवन को प्रस्तुत करना आत्मकथा कहलाता है।आत्मकथा में लेखक तटस्थ नहीं रहता। आत्मकथा में लेखक अपने जीवन पर पड़े विभिन्न प्रभावों का उल्लेख अवश्य करता है। आत्मकथा की प्रमाणिकता की कोई आवश्यकता नहीं होती है।

आत्मकथा किसी विशेष व्यक्ति द्वारा लिखा गया ऐसा भाव है जिसमें लेखक अपने जीवन की कथा स्मृतियों के आधार पर लिखता है।



प्रमुख आत्मकथा और उनके लेखक :-


आत्मकथा

लेखक

1. कुछ आप बीती कुछ जग बीती

भारतेंदु हरिश्चंद्र

2. मेरी असफलताएं

बाबू गुलाब राय

3. क्या भूलूँ क्या याद करूँ ?

हरिवंश राय बच्चन

4. सत्य के प्रयोग

महात्मा गांधी


 आत्मकथा की विशेषताएं :- 

1. यह लेखक के द्वारा स्वयं ही लिखी जाती है।

2.  इसमें लेखक स्वयं के गुण-दोषों का विवेचन करता है।


जैसा कि आप ऊपर आ पोस्ट में आत्मकथा और जीवनी से संबंधित अधिकतर जानकारी आप पढ़ चुके हैं अब जो है हम आपको बताएंगे जीवनी और आत्मकथा में क्या अंतर है यह जीवनी और आत्मकथा में अंतर किस प्रकार से लिखा जा सकता है।Jivani aur atmakatha mein antar कैसे लिखें



नाटक और एकांकी में अंतर


 जीवनी और आत्मकथा में अंतर :-


जीवनी

आत्मकथा

1.किसी व्यक्ति के जीवन को प्रस्तुत करना जीवनी है।

अपने ही जीवन को प्रस्तुत करना आत्मकथा है।

2. जीवनी लेखक तटस्थ रहता है।

आत्मकथा लेखक तटस्थ नहीं रहता । वह अपने जीवन पर पड़े विभिन्न प्रभावों का उल्लेख अवश्य करता है।

3. जीवनी की प्रमाणिकता आवश्यक है।

आत्मकथा की प्रमाणिकता की कोई आवश्यकता नहीं होती।

4. उदाहरण - कलम का सिपाही

उदाहरण - मेरी असफलताएं






Tags -

जीवनी और आत्मकथा में अंतर,Jivani aur atmakatha mein antar,jivani aur atmakatha mein antar likhiye,आत्मकथा और जीवनी में अंतर स्पष्ट करें,आत्मकथा एवं जीवनी में अंतर लिखिए,आत्मकथा एवं जीवनी में दो अंतर लिखिये,जीवनी और आत्मकथा में मूलभूत अंतर,"Keyword" "जीवनी और आत्मकथा में मूलभूत अंतर" "जीवनी एवं आत्मकथा के अंतर लिखिए कोई चार" "जीवनी एवं आत्मकथा में कोई चार अंतर लिखिए" "आत्मकथा और जीवनी में दो अंतर लिखिए" "जीवनी और आत्मकथा में कोई चार अंतर बताइए" "आत्मकथा और जीवनी में अंतर स्पष्ट करें"


सबसे सही तरीका जीवनी और आत्मकथा में अंतर लिखने का

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)