Ba 1st year Hindi Literature notes pdf download // BA 1st year hindi literature imp questions 2023
Unit – 1
प्रश्न प्रयोजनमूलक हिन्दी का अर्थ लिखते हुये
झाकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन
कीजिये।
अथवा
प्रयोजनमूलक हिन्दी की विशेषतायें
उद्घाटित कीजिये।
अथवा
किन विशेषताओं के आधार पर प्रयोजनमूलक
हिन्दी, हिन्दी भाषा से भिन्न है?
अथवा
प्रयोजनमूलक हिन्दी का आशय स्पष्ट करते
हुये उसकी विशेषतायें लिखिये ।।
अथवा
प्रयोजनमूलक हिन्दी की विशेषतायें समझाइये।
प्रश्न- . प्रयोजनमूलक हिन्दी की शैलियों पर प्रकाश डालिये।
प्रश्न-. प्रयोजनमूलक हिन्दी के विविध रूपों का नामोल्लेख करते हुये
प्रयोजनमूलक हिन्दी की सीमायें और सम्भावनायें लिखिये।
अथवा
हिन्दी की प्रयोजनीयता में आने वाली
बाधाओं पर प्रकाश डालिये।
अथवा
प्रयोजनमूलक हिन्दी की समस्याओं को
रेखांकित कीजिये।
अथवा
प्रयोजनमूलक हिन्दी की समस्याओं पर
प्रकाश डालिये।
अथवा
प्रयोजनमूलक हिन्दी के विविध रूपों का
वर्णन करते हुये उसके प्रचलन की प्रमुख समस्याओं पर प्रकाश डालिये।
प्रश्न-. प्रयोजनमूलक हिन्दी का तात्विक विवेचन कीजिये।
अथवा
प्रयोजनमूलक हिन्दी में अन्तर्निहित मूल
तत्वों को समझाइये।
प्रश्न भारतीय संविधान में राजभाषा हिन्दी की स्थिति की विवेचना
कीजिये।
प्रश्न- विभिन्न कार्यालयों में राजभाषा हिन्दी का प्रयोग करने वाले विभिन्न कर्मचारियों/अधिकारियों की व्यावहारिक
कठिनाइयों को स्पष्ट कीजिये।
प्रश्न- विधिक क्षेत्र में हिन्दी की भूमिका का
वर्णन करते हुये भारत में विधिक भाषा की
पृष्ठभूमि एवं आवश्यकता पर विस्तृत लेख
लिखिये।
प्रश्न-. भारतीय संविधान में हिन्दी की क्या
स्थिति है ? विस्तारपूर्वक समझाइये।
उत्तर-
प्रश्न राजभाषा हिन्दी की संवैधानिक स्थिति एवं
प्रमुख प्रावधानों को समझाइए |
उत्तर- राजभाषा अधिनियम के उपबंधों का कार्यान्वयन एवं उसका प्रचार की
प्रसार- राजभाषा अधिनियम के लागू होने तक या इसके कार्यान्वयन के लिए बनाए गए
उपबंधों में यह भी उल्लेख है कि हिन्दी के साथ-साथ सहभाषा के रूप में अगले 15 वर्षों तक अंग्रेजी का प्रयोग जारी रहेगा। इस प्रावधान के कारण
अधिकांशतः सरकारी कार्यालयों में हिन्दी का कम प्रयोग हुआ तथा अंग्रेजी का प्रचलन
निरन्तर जारी रहा। सरकारी कार्यालयों में नौकरी पर नियुक्त होने वाले
कार्मिकों को काम करने के लिए अलग से कोई प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। उन्हें
मात्र परिवीक्षा पर कुछ समय के लिए रखा जाता है। अब जब काम करने की आवश्यकता पड़ी
तो अधिकांश कर्मचारी फाइलों में पड़े पूर्व के संदर्भों को देखते हुए उसी के समरूप
पत्राचार का प्रयास करते गए। चूंकि प्रत्येक सरकारी विभाग के फाइलों में अधिकांश
पत्राचार अंग्रेजी में होने के कारण कार्मिक अंग्रेजी के पत्राचार को ही पराश्रय
देते चले गए। सरकारी कार्यालयों में हिन्दी के कार्यान्वयन में यह काफी बाधक है।
हिन्दी का ज्ञान रखने वाले कार्मिकों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है।
मैट्रिक या उसकी समतुल्य या उससे उच्चतर परीक्षा हिन्दी के साथ उत्तीर्ण कार्मिक
को हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कार्मिक माना जाता है। विभिन्न स्तरों पर
हिन्दी का प्रशिक्षण देने के लिए भारत सरकार द्वारा कार्मिकों को हिन्दी का
प्रशिक्षण दिया जाता है। हालांकि हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार के
राजभाषा विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न उपाय किये जाते हैं। जिसके अन्तर्गत
विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण का आयोजन तथा उस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को पास करने पर
वेतन वृद्धि एवं एक मुश्त नकद पुरस्कार का प्रावधान, हिन्दी में कार्य करने पर कैलेंडर वर्ष
एवं वित्त वर्ष की समाप्ति पर नकद पुरस्कार का प्रावधान किया गया है। इन प्रयासों
के अतिरिक्त सरकारी कार्यालयों में राजभाषा अनुभाग द्वारा त्रैमासिक प्रशिक्षण का
आयोजन तथा हिन्दी कार्यान्वयन की प्रगति की देख-रेख के लिए कार्यालय प्रमुख की
अध्यक्षता में तिमाही बैठक का आयोजन किया जाता है।
