MP Board Solutions for class 9 Social Science chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय

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Class 9th NCERT Sst Chapter 3 Solution// कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान पाठ 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय का हल 


प्रश्न 1. वाइमर गणराज्य के सामने क्या सीमाएं थीं? 


उत्तर - 1. इसे वर्साय की अपमानजनक संधि पर हस्ताक्षर करने पड़े।

2. संधि के फलस्वरुप इसे मित्र राष्ट्रों के युद्ध की क्षतिपूर्ति के रूप में भारी धनराशि देनी पड़े।

3. देश में उद्योग तथा व्यापार पिछड़ गए थे, जिससे बेरोजगारी बढ़ गई।

4. देश में मुद्रा-स्फीति के कारण कीमतें आसमान को छूने लगीं। वाइमर सरकार मूल्य वृद्धि को रोकने में असफल रही।

5. इसकी कठिनाइयों को 1929 की महामंदी ने और भी गंभीर बना दिया। देश के कई कारखाने बंद हो गए तथा बेरोजगारों की संख्या लाखों तक पहुंच गई।

6. इसके साथ-साथ सेना में भी असंतोष बढ़ने लगा।

     इन सब बातों के परिणाम स्वरुप जनता का वाइमर सरकार से मोह भंग हो गया तथा हिटलर के उत्कर्ष के साथ ही इसका पतन हो गया। 


प्रश्‍न 2. इस बारे में चर्चा कीजिए कि 1930 तक आते-आते जर्मनी में नात्‍सीवाद को लोकप्रियता क्‍यों मिलने लगी? 

उत्‍तर - 1930 तक आते-आते जर्मनी में नात्‍सीवाद को लोकप्रियता मिलने के कुछ कारण निम्‍नलिखित हैं - 

1. आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक सं‍कटों ने नात्‍सीवाद की शक्ति बढ़ाने के लिए पृष्‍ठभूमि तैयार की। 

2. जर्मनी प्रथम विश्‍व युद्ध में हार गया था और उसे अपमानजनक वर्साय संधि पर जबरन हस्‍ताक्षर करने पड़े थे, जिसके परिणामस्‍वरूप जर्मनी को कई उपनिवेश और क्षेत्र गँवाने पड़े थे इससे सैन्‍य बल और आर्थिक कमी हुई थी। इन सब घटनाओं से लोग असंतुष्‍ट थे और जर्मनी की खोई हुई प्रतिष्‍ठा वापस पाना चाहते थे। 

3. महामंदी के समय नात्‍सीवाद एक बड़ा आन्‍दोलन बन गया। इस अवधि में बैंक बंद हो गए, व्‍यापार में अत्‍याधिक कमी हुई, मज़दूर बेरोज़गार हो गए और मध्‍यम वर्ग कंगाली के कगार तक पहुंच गया। इस परिस्थिति में नात्‍सी प्रचार ने अच्‍छे भविष्‍य की आशा जमाई। 

4. हिटलर एक अच्‍छा वक्‍ता था। उसका जोश और उसके शब्‍द लोगों को हिलाकर रख देते थे। उनसे एक शक्तिशाली राष्‍ट्र की स्‍थापना, वर्साय संधि से हुई नाइंसाफी का प्रतिशोध और जर्मनी की खोई हुई प्रतिष्‍ठा वापस दिलाने का वादा किया। 

5. हिटलर ने वादा किया था कि वह बेरोज़गारों को रोज़ेार देगा और नौजवानों को सुरक्षित भविष्‍य देगा। हिटलर के व्‍य‍क्तित्‍व और बोलने की कला ने भी जर्मनी में नात्‍सीवाद की लोकप्रियता बढ़ाने में सहायता की। 

प्रश्‍न 3. नात्‍सी सोच के खास पहलू कौन-से थे? 

उत्तर - नात्‍सी सोच के खास पहलू निम्‍न प्रकार थे - 

1. राज्‍य सबसे ऊपर है। ''लोग राज्‍य के लिए हैं न की राज्‍य लोगों केे लिए।'' 

2. यह लोकतंत्र और साम्‍यवाद दोनों के विरूद्ध था। 

3. यह आर्य जाति की उत्तमता के पक्ष में था। गैर आर्यन लोगों के नागरिकता, रोजगार और सिविल सर्विसेज़ के अधिकार छीन लेना नात्‍सी सोच का मुुुख्‍य पहलू था। 

4. वह जर्मनी की प्रतिष्‍ठा दोबारा बनाना चाहते थे। 

5. उनके जर्मन साम्राज्‍य के विस्‍तार का उद्देश्‍य इस नारे के अंतर्गत स्‍पष्‍ट होता था - ''एक जन एक साम्राज्‍य, एक नेता।'' 

प्रश्‍न 4. नात्सियों का प्रोपेगैंडा यहूदियों के खिलाफ नफरत पैदा करने में इतना असरदार कैैैसे रहा? 

उत्तर - 1. यहूदियों के प्रति नात्सियों की दुश्‍मनी का एक आधार यहूदियों के प्रति इकाई धर्म में मौजूद परम्‍परागत घृणा  भी थी। ईसाईयों का आरोप था कि ईसा मसीह को यहूदियों नेे मारा था। मध्‍यकाल तक उन्‍हें ज़मीन का मालिक बनने की मनाही थी लेकिन यहूदियों के प्रति हिटलर की घृणा नस्‍ल के छद्म वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित थी। इस नफरत में 'यहूदी समस्‍या' का हल धर्मांतरण से नहीं निकल सकता था। हिटलर की दृ‍ष्टि में इस समस्‍या का सिर्फ एक ही हल था - यहूदियों को पूरी तरह खत्‍म किया जाए। 

2. नात्‍सी स्‍कूल के समय से ही बच्‍चों में यहूदियों के प्रति घृणा भरने लगते थे। जर्मन और यहूदी बच्‍चे एक साथ न तो बैठ सकते थे और न खेल सकते थे। यहूदी शिक्षकों को स्‍कूलों से निकाल दिया गया। स्‍कूली पाठ्यपुस्‍तकों को नए सिरे से लिखा गया। नस्‍ल के बारे में नात्‍सी विचारों को सही ठहराने के लिए नस्‍ल विज्ञान के नाम से एक नया विषय पाठ्यक्रम में शामिल किया गया और तो और गणित की कक्षाओं में भी यहूदियों कीएक खास छवि गढ़ने की कोशिश की जाती थी। 

3. नात्‍सी शासन के लिए समर्थन हासिल करने और नात्‍सी विश्‍व दृष्टिकोण को फैलाने के लिए मीडिया का बहुत सोच-समझकर इस्‍तेमाल किया गया। प्रचार फिल्‍मों में यहूदियों के प्रति नफरत फैलाने पर ज़ोर दिया जाता था। 'द एटर्नल ज्‍यू' ( अक्षय यहूदी ) इस सूची की सबसे कुख्‍यात फिल्‍म थी। 

4. नात्‍सीवाद ने लोगों के दिलोदिमाग पर गहरा असर डाला। उनकी भवनाओं को भड़का कर उनके गुस्‍से और नफरत को 'अवांछितों' पर केन्द्रित कर दिया।       

प्रश्‍न 5. नात्‍सी समाज में औरतों की क्‍या भूमिका थी? फ्रांसीसी क्रांति के बारे में जानने के लिए अध्‍याय-1 देखें। फ्रांसीसी क्रांति और नात्‍सी शासन में औरतों की भूमिका के बीच क्‍या फर्क था? एक पैराग्राफ में बताएं। 

उत्तर - नात्‍सी शासन में महिलाओं की भूमिका - 

1. नात्‍सी जर्मनी में बच्‍चे को बार-बार बताया जाता था कि औरतें बुनियादी तौर पर मर्दों से भिन्‍न होती हैं। उन्‍हें समझाया जाता था कि औरतों और मर्दों के लिए समान अधिकार, जो सब जगह लोकतंत्र की लड़ाई का हिस्‍सा बन चुके थे की मॉंग गलत है और यह समाज को नष्‍ट कर देेेेगा। 

2. लड़कियों को कहा जाता था कि उनका फर्ज एक अच्‍छी मां बनना और शुद्ध आर्य रक्‍त वाले बच्‍चों को जन्‍म देना और उनका पालन-पोषण करना है। नस्‍ल को शुद्ध बनाए रखने, यहूदियों से दूर रहने, घर संभालने और बच्‍चों को नात्‍सी मूल्‍य-मान्‍यताओं की शिक्षा देने का दायित्‍व उन्‍हें सौंपा गया। 

3. निर्धारित आचार संहिता का उल्‍लंघन करने वाली 'आर्य' औरतों की सार्वजनिक रूप से निंदा की जाती थी और उन्‍हें कड़ा दंड दिया जाता था। यहूदियों, पोलैंड वासियों और रूसी लोगों से संबंध रखने वाली महिलाओं को गंजा करके, मुंह पर कालिख पोत कर और उनके गले में तख्‍ती लटका कर पूरे शहर में घुमाया जाता था। उनके गले में लटकी तख्‍ती पर लिखा होता था - ''मैंने राष्‍ट्र के सम्‍मान को मलिन किया है।'' 

फ्रांसीसी क्रांति में महिलाएं - 

1. महिलाएं प्रारंभ से ही फ्रांसीसी समाज में अहम परिवर्तन लाने वाली गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थीं। उन्‍हें उम्‍मीद थी कि उनकी भागीदारी क्रांतिकारी सरकार को उनका जीवन सुधारने हेतु ठोस कदम उठाने को प्रेरित करेगी। 

2. तीसरे एस्‍टेट की अधिकांश महिलाएं जीवकिा निर्वाह के लिए काम करती थीं। सिलाई-बुनाई, कपड़ों की धुलाई करती थीं। बाज़ारों में फल-फूूल सब्जियां बेचती थीं अथवा सम्‍पन्‍न घरों में घरेलू काम करतीं थीं। 

3. फ्रांस में महिलाओं ने अपने हितों की हिमायत करने और उन पर चर्चा करने के लिए खुद के राजनीतिक क्‍लब शुरू किए और अखबार निकाले। मता‍धिकार और समान वेतन के लिए उन्‍होंने आन्‍दोलन चलाए।   

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