प्रत्यावर्ती धारा और दिष्ट धारा में अंतर लिखिये/ pratyavarti dhara aur dist dhara mein antar
प्रत्यावर्ती धारा - प्रत्यावर्ती धारा उस धारा को कहते हैं जिसके परिणाम और दिशा समय के साथ आवर्ती रूप से निरंतर बदलते रहते हैं। डायनेमो या जनरेटर से प्राप्त धारा प्रत्यावर्ती धारा होती है।
प्रत्यावर्ती धारा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर बहुत आसानी से पहुंचाया जा सकता है। परंतु कुछ स्थान ऐसे होते हैं जहां प्रत्यावर्ती धारा प्रयोग ही नहीं की जा सकती है। प्रत्यावर्ती धारा दिष्ट धारा की तुलना में अधिक खतरनाक होती है। प्रत्यावर्ती धारा जब तारों में बहती है तो उसका अधिकांश भाग तार के सिरों पर ही प्रवाहित होता है। इसलिए इसके तारों को मोटा बनाने की वजह पतले पतले तारों को मिलाकर एक मोटे तार में परिवर्तितकर दिया जाता है।
दिष्ट धारा - दिष्ट धारा उस धारा को कहते हैं जिस की दिशा नियत होती है, परिमाण बदले या न बदले तो इसे दिष्ट धारा कहते हैं।
क्योंकि ट्रांसफार्मर का उपयोग केवल ac धारा में ही होता है। इसलिए दिष्ट धारा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में ज्यादा खर्चा तथा ऊर्जा की हानि भी अधिक होती है। जिन स्थानों पर प्रत्यावर्ती धारा का प्रयोग नहीं किया जा सकता है फिर वहां दिष्ट धारा का ही उपयोग किया जाता है। जैसे विद्युत चुंबक बनाने में। दिष्ट धारा प्रत्यावर्ती धारा की तुलना में कम खतरनाक होती है। दिष्ट धारा आसानी से किसी भी तार में बह सकती है।
दिष्ट धारा दो प्रकार की होती है -
1. समदिष्ट धारा
2. परिवर्ती दिष्ट धारा
1. समदिष्ट धारा - उच्च दिष्ट धारा को संदेश द्वारा कहते हैं जिसके परिमाण और दिशा समय के साथ नियत रहते हैं। सेल और बैटरी से प्राप्त धारा समदिष्ट धारा होती है।
2. परिवर्ती दिष्ट धारा - उस दिष्ट धारा को परिवर्ती दिष्ट धारा कहते हैं जिसका परिमाण समय के साथ बदलता रहता है परंतु दिशा नियत रहती है।
जब किसी परिपथ को अचानक जोड़ा या तोड़ा जाता है तब यह धारा क्षण भर के लिए प्रवाहित होती है।
प्रत्यावर्ती धारा और दिष्ट धारा में अंतर लिखिये।
ac or dc current me antar
उत्तर - प्रत्यावर्ती धारा और दिष्ट धारा में निम्न अंतर है -